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Up Kiran, Digital Desk: देश भर में 20 लाख आदिवासी 'चेंज लीडर्स' (बदलाव के नायक) बनाने के एक बड़े लक्ष्य के साथ, "आदि कर्मयोगी अभियान" की शुरुआत Jharsuguda जिले में की गई है. केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय (MoTA) और राज्य के ST & SC विकास विभाग ने मिलकर इस अनोखी पहल को ज़मीन पर उतारा है, जिसका मकसद आदिवासियों को इतना सशक्त बनाना है कि वे अपने गांवों के विकास का नक्शा खुद तैयार कर सकें.
इस अभियान के तहत, 2 से 4 सितंबर तक तीन दिनों का एक ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें 30 ब्लॉक मास्टर ट्रेनर और जिले के 78 चुने हुए आदिवासी गांवों से 1,500 से ज़्यादा 'चेंज लीडर्स' को खास ट्रेनिंग दी गई. इस कार्यक्रम का उद्घाटन Jharsuguda के कलेक्टर श्री कुणाल मोतीराम चव्हाण ने किया.
क्या है 'आदि कर्मयोगी अभियान' का मकसद?
इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ सरकारी योजनाएं लागू करना नहीं, बल्कि गांव के लोगों को ही विकास की प्रक्रिया में ड्राइवर की सीट पर बिठाना है. इसका सबसे मुख्य पहलू है "गांव का विजन" तैयार करना.
कौन बनाएगा यह विजन? यह विजन कोई अधिकारी या नेता नहीं, बल्कि गांव के लोग खुद मिलकर बनाएंगे.
आदि कर्मयोगी: इसमें सरकारी अधिकारी मदद करेंगे.
आदि सहयोगी: डॉक्टर, शिक्षक, और युवा वालंटियर जैसे लोग सहयोग करेंगे.
आदि साथी: स्वयं सहायता समूह (SHGs), गांव के बुज़ुर्ग, और पारंपरिक नेता अपना अनुभव साझा करेंगे.
कैसे बनेगा यह विजन? सभी लोग एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे और तय करेंगे कि वे अगले कुछ सालों में अपने गांव को कैसा देखना चाहते हैं - पीने के पानी की व्यवस्था से लेकर स्कूल, स्वास्थ्य और रोज़गार तक. यही "विजन डॉक्यूमेंट" ज़िला प्रशासन के लिए एक रोडमैप की तरह काम करेगा, ताकि लोगों के सपनों को हकीकत में बदला जा सके.
हर गांव में खुलेगा 'आदि सेवा केंद्र'
इस पहल के तहत, हर गांव में एक 'आदि सेवा केंद्र' खोला जाएगा. यह केंद्र एक सिंगल-विंडो सिस्टम की तरह काम करेगा, जहाँ ग्रामीणों को सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी मिलेगी और वे आसानी से उनका लाभ उठा सकेंगे. इससे यह सुनिश्चित होगा कि योजनाओं का फायदा आखिरी व्यक्ति तक बिना किसी परेशानी के पहुंच रहा है.
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