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Up kiran,Digital Desk : अगर आप भी दिल्ली और आस-पास के इलाकों से रोज़ ट्रेन में सफर करते हैं, तो ये खबर आपके और हमारे काम की है। भारतीय रेलवे अब दिल्ली की उन पटरियों को एक नया जीवन देने जा रहा है, जिन पर दिन-रात हज़ारों ट्रेनें दौड़ती हैं।

दिल्ली का रेल मंडल देश के सबसे व्यस्त हिस्सों में से एक है। यहां से दिल्ली-अंबाला, दिल्ली-सहारनपुर और देश के कोने-कोने के लिए हर रोज़ सैकड़ों यात्री गाड़ियां और मालगाड़ियां गुज़रती हैं। ज़ाहिर है, सालों से इतना बोझ उठाने के बाद अब पटरियों को मरम्मत की सख़्त ज़रूरत है। कई जगहों पर पटरियां पुरानी हो गई हैं, स्लीपर घिस गए हैं और ट्रैक पर गंदगी जमा हो गई है, जिससे ट्रेनों की रफ्तार पर भी असर पड़ता है।

यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेनों की रफ़्तार, दोनों पर ध्यान

इसी को देखते हुए रेलवे ने एक बड़ा प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत दिल्ली डिवीज़न की पटरियों की बड़े पैमाने पर मरम्मत की जाएगी। इसका मकसद सिर्फ ट्रैक को मजबूत बनाना ही नहीं, बल्कि ट्रेनों की गति बढ़ाना और पटरी से उतरने जैसे हादसों को रोकना भी है।

क्या-क्या काम होगा और कितना खर्चा आएगा?

इस बड़े प्रोजेक्ट पर करीब 5.27 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, और इसे 12 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान कई ज़रूरी काम किए जाएंगे, जैसे:

  • पुरानी पटरियों को बदलकर नई पटरियां बिछाना।
  • घिसे हुए और टूटे स्लीपरों को बदलना।
  • ट्रैक पर जमा गंदगी और मलबे की सफ़ाई करना।
  • पटरियों की फिटिंग्स और फिश प्लेट्स को ठीक करना।

ये सारे काम तब किए जाएंगे जब ट्रेनों की आवाजाही सबसे कम होती है, ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के रखरखाव से पिछले कुछ सालों में रेल हादसों में कमी आई है।

यह मरम्मत का काम रेलवे के बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे 'अमृत भारत स्टेशन योजना' और 'फ्रेट कॉरिडोर' का भी हिस्सा है, जिनका लक्ष्य भारतीय रेलवे को और भी आधुनिक और सुरक्षित बनाना है।