
Up Kiran, Digital Desk: भारत के सबसे पवित्र और कठिन व्रतों में से एक, छठ पूजा को अब वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की तैयारी चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की सरकार इस महान लोकपर्व को यूनेस्को (UNESCO) की 'अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' (Intangible Cultural Heritage) की सूची में शामिल कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह जानकारी अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 126वें एपिसोड में दी।
क्यों खास है यह कोशिश:'मन की बात' में पीएम मोदी ने कहा, "छठ सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रकृति और सूर्य की उपासना के साथ-साथ स्वच्छता, सादगी और सामाजिक समरसता का एक अद्भुत उदाहरण है।" उन्होंने बताया कि यह दुनिया का एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें डूबते और उगते सूर्य, दोनों की पूजा की जाती है।
अगर छठ पूजा को यूनेस्को की सूची में जगह मिलती है, तो यह पूरी दुनिया में इसकी खास पहचान को स्थापित करेगा। इससे न सिर्फ इस पर्व की महिमा बढ़ेगी, बल्कि यह बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की उस महान संस्कृति को भी एक वैश्विक सम्मान दिलाएगा, जहां से यह पर्व निकला है।
कुंभ, दुर्गा पूजा और गरबा की लिस्ट में अब छठ का नाम!
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि भारत के कई सांस्कृतिक धरोहरों जैसे कुंभ मेला, कोलकाता की दुर्गा पूजा और गुजरात के गरबा को पहले ही यूनेस्को की इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल किया जा चुका है। अब सरकार का लक्ष्य छठ पूजा को भी यही सम्मान दिलाना है।
पीएम मोदी ने इस बात पर भी खुशी जताई कि आज छठ पूजा सिर्फ बिहार या पूर्वी भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश के कोने-कोने से लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप तक, जहां भी इस क्षेत्र के लोग बसे हैं, वहां छठ की छटा देखने को मिलती है।