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उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा नीम करौली महाराज का कैंची धाम अब यात्रा के दौरान लगने वाले जाम से मुक्त होने जा रहा है। राज्य सरकार को कैंची धाम के लिए प्रस्तावित बाईपास परियोजना को पर्यावरण स्वीकृति मिल गई है। इसके बाद जल्द ही इस बाईपास का निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
हर साल हजारों श्रद्धालु कैंची धाम में बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। खासकर गर्मियों और विशेष धार्मिक अवसरों पर यहां भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे सड़क पर लंबा जाम लग जाता है। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सरकार द्वारा प्रस्तावित यह बाईपास लगभग 5 किलोमीटर लंबा होगा, जो मुख्य मार्ग से पहले ही यातायात को कैंची धाम से अलग कर देगा। इससे मंदिर की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं को अधिक सुगम और व्यवस्थित मार्ग मिलेगा, वहीं अन्य यातायात बिना किसी बाधा के आगे बढ़ सकेगा।
परियोजना के तहत सड़क निर्माण के दौरान पर्यावरणीय संतुलन का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि बाईपास निर्माण में पहाड़ी क्षेत्रों की प्राकृतिक संरचना को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
उत्तराखंड सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद अब प्रशासन और निर्माण एजेंसियों को तेजी से काम शुरू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। यह बाईपास न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन को भी नया विस्तार देगा।
स्थानीय लोगों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से वे इस समस्या का सामना कर रहे थे, और अब इस बाईपास के निर्माण से राहत मिलने की उम्मीद है।
बाईपास का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा और उम्मीद है कि आगामी कुछ महीनों में श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के कैंची धाम पहुंच सकेंगे
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