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Up Kiran, Digital Desk: ओडिशा से एक ऐसी खबर आई है, जो दिखाती है कि कामयाबी के शिखर पर पहुंचना जितना मुश्किल है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल वहां टिके रहना है। एक अफसर, जिसने 2019 की ओडिशा प्रशासनिक सेवा (OAS) परीक्षा में टॉप करके पूरे राज्य में नाम रोशन किया था, आज उसी अफसर के हाथों में हथकड़ियां हैं।

मामला सुंदरगढ़ जिले का है, जहां बनेई के तहसीलदार भागीरथी गिरी को विजिलेंस (सतर्कता विभाग) की टीम ने 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

किस बात के लिए मांगी थी रिश्वत?

जानकारी के मुताबिक, भागीरथी गिरी ने एक व्यक्ति से उसकी खेती की जमीन को व्यावसायिक जमीन में बदलने के लिए 15,000 रुपये की घूस मांगी थी। परेशान होकर उस व्यक्ति ने इसकी शिकायत विजिलेंस विभाग में कर दी।

विजिलेंस ने शिकायत मिलने के बाद एक जाल बिछाया। जैसे ही तहसीलदार गिरी ने अपने एक एजेंट के जरिए शिकायतकर्ता से 15,000 रुपये लिए, टीम ने दोनों को दबोच लिया। रिश्वत की रकम भी मौके से बरामद कर ली गई।

यह घटना इसलिए भी ज्यादा हैरान करने वाली है, क्योंकि भागीरथी गिरी 2019 बैच के OAS टॉपर थे। एक टॉपर से लोग ईमानदारी और सुशासन की उम्मीद करते हैं, लेकिन गिरी का नाम भ्रष्टाचार के ऐसे मामले में आना बेहद शर्मनाक है।

विजिलेंस विभाग ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया है और अब तहसीलदार गिरी और उनके एजेंट के दूसरे ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है, ताकि उनकी संपत्ति की जांच की जा सके।