img

धर्म डेस्क। सावन का महीना पर्वों का महींना माना जाता है। चल रहा है। सावन मास भगवान् भोलेनाथ को अतिप्रिय है। इसीलिए इस मास में पड़ने वाले सभी त्योहारों पर भोलेनाथ की पूजा की जाती है। सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष हरियाली तीज सात अगस्त को है। सुहागिनों को इस पर्व की वर्षभर से प्रतीक्षा रहती है। इस दिन सुहागिनें व्रत रखकर और 16 श्रृंगार करके भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा कर अखंड सुहाग का वरदान मांगती हैं।

हरियाली तीज सुहागिनों द्वारा पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना के लिए मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार हरियाली तीज का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था। माता पार्वती ने बालू की शिवलिंग बनाकर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ ने श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर माता पार्वती को दर्शन दिए और उनकी मनोकामना को पूरा करने का वचन दिया। भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा कि जो महिलाएं श्रावणी तीज पर विधि विधान से व्रत रखकर पूजा करेंगी और तुम्हारी कथा का पाठ सुनेंगी उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

उसी समय से सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज का व्रत रखा जाने लगा। इस दिन सुहागिने प्रातः स्नान आदि से निवृत होकर अपने मायके से आए कपड़े पहन कर सोलह श्रृंगार करती हैं। इसके बाद सुहागिने माता पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री के साथ साड़ी, अक्षत्, दीप, धूप, गंध आदि अर्पित करती हैं। इसी तरह भगवान शिव को भांग, धतूरा, श्वेत फूल, बेल पत्र, धूप और गंध आदि समर्पित करती हैं। पूजा के बाद समूह की कोई एक महिला कथा का पाठ करती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 6 अगस्त, मंगलवार को रात 7:52 बजे होगा और समापन 7 अगस्त को रात 10:05 बजे होगा। हरियाली तीज की रौनक बाजारों में दिखने लगी है। हरियाली तीज की पूजा में लगने वाली सभी सामग्री और श्रृंगार के सामान खूब बिक रहे हैं। 
 

--Advertisement--