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Up Kiran, Digital Desk: क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश के सागर शहर में एक ऐसी जगह है जिसे 'मिनी वृंदावन' कहा जाता है? जी हाँ, श्री देव अटल बिहारी जी मंदिर अपने आध्यात्मिक माहौल और भव्यता के कारण वृंदावन की याद दिलाता है। इस बार, श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर, इस पवित्र स्थल पर एक विशेष 'बधाई नृत्य उत्सव' का आयोजन होने जा रहा है, जो भक्तों को आनंद और भक्ति के एक अनूठे अनुभव से सराबोर करेगा।

सागर का 'मिनी वृंदावन': एक आध्यात्मिक नखलिस्तान

श्री देव अटल बिहारी जी मंदिर, सागर को 'मिनी वृंदावन' के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह अपने शांत वातावरण, सुंदर वास्तुकला और भगवान कृष्ण की लीलाओं को दर्शाती मूर्तियों के साथ वृंदावन की पवित्र भूमि का अनुभव कराता है। यह मंदिर उन भक्तों के लिए एक विशेष स्थान है जो वृंदावन की यात्रा नहीं कर सकते, लेकिन वहां की दिव्यता को महसूस करना चाहते हैं। यहां का हर कोना भक्ति और आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत है, जिससे आगंतुकों को शांति और सुकून मिलता है।

जन्माष्टमी पर 'बधाई नृत्य उत्सव' का अद्भुत समागम

इस साल 15 अगस्त 2025 को मनाई जाने वाली श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर, श्री देव अटल बिहारी जी मंदिर में 'बधाई नृत्य उत्सव' का आयोजन किया जाएगा। 'बधाई नृत्य' मध्य प्रदेश, विशेषकर बुंदेलखंड क्षेत्र का एक पारंपरिक लोकनृत्य है, जिसे विशेष रूप से खुशी के अवसरों जैसे जन्म, विवाह या किसी भी शुभ प्रसंग पर मनाया जाता है। 

इस उत्सव में, कलाकार भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशी में पारंपरिक 'बधाई नृत्य' प्रस्तुत करेंगे। यह नृत्य अपनी जीवंत ऊर्जा, उत्सवपूर्ण संगीत और भक्तिमय भाव के लिए जाना जाता है। यह उत्सव न केवल भक्तों को भगवान कृष्ण के जन्म का आनंद मनाने का अवसर देगा, बल्कि उन्हें मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से भी जोड़ेगा। यह नृत्य अक्सर खुशी, उत्सव और ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक माध्यम होता है। 

क्यों खास है यह उत्सव:

अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव: 'बधाई नृत्य' की प्रस्तुति आपको मध्य प्रदेश की लोक कला और संस्कृति से सीधे जोड़ेगी।

दिव्य वातावरण: 'मिनी वृंदावन' की शांत और आध्यात्मिक छांव में जन्माष्टमी का उत्सव मनाना अपने आप में एक विशेष अनुभव होगा।

भक्ति का संगम: भगवान कृष्ण के जन्म के अवसर पर पारंपरिक नृत्य का आयोजन, भक्ति और उल्लास का एक अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगा।

स्थानीय आकर्षण: यह उत्सव सागर के स्थानीय आकर्षणों को बढ़ावा देगा और पर्यटकों को आकर्षित करेगा।

यह 'बधाई नृत्य उत्सव' जन्माष्टमी के पावन पर्व को और भी यादगार बना देगा, जहां भक्त नृत्य, संगीत और भक्ति के माध्यम से कान्हा के जन्म का उत्सव मनाएंगे।

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