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Up Kiran, Digital Desk: सीपा के तहत अनुबंध सेवा में काम करने वाले भारतीय प्रोफेशनल्स को ओमान में चार साल तक रहने की अनुमति मिलेगी। वहीं, स्वतंत्र रूप से सेवा देने वाले प्रोफेशनल्स 180 दिनों तक ओमान में रह सकेंगे। इसके अलावा व्यापारिक गतिविधियों के लिए भारतीय नागरिकों को 90 दिनों का बिजनेस वीजा भी दिया जाएगा।

इस समझौते का एक बड़ा फायदा यह है कि ओमान में काम कर रही भारतीय कंपनियों में अब 50 प्रतिशत तक भारतीय कर्मचारियों को रखने की अनुमति होगी, जबकि पहले यह सीमा केवल 20 प्रतिशत थी।

सीपा से आईटी, स्वास्थ्य, पर्यावरण, शिक्षा, रिसर्च, ऑडियो-वीडियो और पर्यटन जैसे सर्विस सेक्टर के निर्यात में भी तेज़ी आने की उम्मीद है। ओमान हर साल करीब 12.52 अरब डॉलर का सर्विस सेक्टर आयात करता है, जिसमें भारत की हिस्सेदारी अभी केवल 5.31 प्रतिशत है।

मध्य पूर्व और अफ्रीका में निर्यात बढ़ाने का नया रास्ता खुलेगा

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस (फियो) के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन के अनुसार, गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) का सदस्य होने और अफ्रीका के नज़दीक होने के कारण ओमान भारत के लिए एक रणनीतिक केंद्र बन सकता है। भारतीय निर्यातक ओमान में बेस बनाकर वैल्यू एडिशन कर सकते हैं और वहां से मध्य पूर्व व अफ्रीकी देशों में निर्यात बढ़ा सकते हैं।

अमेरिकी बाजार में नुकसान की भरपाई में मिलेगी मदद

ओमान के साथ सीपा अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च शुल्क से प्रभावित भारतीय निर्यात की भरपाई में भी सहायक साबित होगा। अमेरिकी बाजार में टेक्सटाइल, समुद्री उत्पाद, लेदर, इंजीनियरिंग गुड्स, जेम्स और ज्वैलरी जैसे उत्पादों के निर्यात पर असर पड़ा है। ओमान इन उत्पादों का बड़ा आयातक है और शुल्क में राहत मिलने से इनका निर्यात वहां बढ़ने की संभावना है।

पीयूष गोयल का बयान

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सीपा से भारतीय निर्यातकों और प्रोफेशनल्स को ओमान के बाजार में व्यापक अवसर मिलेंगे। यह समझौता राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर किया गया है, जिससे किसान, कारीगर और एमएसएमई को भी बड़ा लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत-ओमान संबंधों के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस समझौते के सकारात्मक प्रभाव आने वाले दशकों तक दिखाई देंगे और इससे व्यापार, निवेश तथा रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिनका लाभ दोनों देशों के युवाओं को मिलेगा।