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पटना।  बिहार में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू यादव ने अपने एक ब्यान में कहा कि हमारा दरवाजा खुला है। लालू यादव एक न्यूज एजेंसी से मुखातिब थे। नीतीश कुमार के पुनः महागठबंधन के साथ आने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अब आएंगे तो देखेंगे, खुला ही रहता है दरवाजा। बिहार की राजनीति में लालू यादव के इस बयान के बड़े सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।  

गत दिनों  विधानसभा में लालू यादव और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई थी। मौक़ा था  राजद के राज्यसभा उम्मीदवारों, मनोज झा और संजय यादव के नामांकन का। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गजब की गर्मजोशी दिखी थी। इस दौरान तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। बिहार के दोनों दिग्गज नाताओं की मुलाकात और एक दूसरे के प्रति जोश देखकर सियासी गलियारे में चर्चा शुरू हो गई कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर मन बदलेंगे।  

गौरतलब है कि गत 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़कर एनडीए के साथ सरकार बना ली थी। महागठबंधन छोड़ने और एनडीए के साथ नई सरकार बनाने के बाद इन दोनों दिग्गज नेताओं की पहली मुलाकात थी। यह भी ध्यातव्य है कि नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव आक्रामक नहीं दिख रहे हैं। हालांकि, नीतीश कुमार ने कई बार कहा है कि अब वह एनडीए के साथ ही रहेंगे, लेकिन सियासत में नेताओं द्वारा अपने वचन से पीछे हटना कोई आश्चर्य नहीं है।  
 

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