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Up Kiran, Digital Desk: जब कर्नाटक की रमणीय पहाड़ियों में स्थित एक गुफा से दो नन्ही बच्चियों और उनकी मां को ढूंढ निकाला गया, तो पुलिस को भी अंदाज़ा नहीं था कि इस शांत-सी लगने वाली घटना के पीछे एक उलझी हुई प्रेम कहानी, एक पिता की पीड़ा और तीन देशों के कानूनों की जटिलता छिपी होगी।
यह कोई फिल्मी पटकथा नहीं है, बल्कि 40 वर्षीय रूसी महिला नीना कुटिना और इजरायल के रहने वाले 38 वर्षीय ड्रोर गोल्डस्टीन की हकीकत है — जो कभी गोवा के समुद्री तटों पर शुरू हुई और अब अदालतों के गलियारों में उलझ चुकी है।
अरोम्बोल से शुरू हुआ था प्यार, गोकर्णा की गुफा में हुआ खुलासा
यह कहानी 2017 में गोवा के अरोम्बोल बीच पर शुरू हुई, जहां नीना और ड्रोर की पहली मुलाकात हुई। दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ीं और उन्होंने साथ रहना शुरू कर दिया। लगभग आठ वर्षों तक चला यह रिश्ता अब कड़वाहट, आरोपों और अदालत की तारीखों में बदल चुका है।
ड्रोर का दावा है कि 2018 में ही नीना का व्यवहार बदल गया था। उनके अनुसार, नीना ने भावनात्मक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया और बार-बार पैसों की मांग करती रही। जब वे इजरायल लौटने की योजना बना रहे थे, तभी दस्तावेजों की दिक्कतों के चलते नीना को रूस डिपोर्ट कर दिया गया।
बाद में नीना ने उन्हें ईमेल पर बताया कि वह गर्भवती है। 2019 में उनकी पहली बेटी का जन्म यूक्रेन में हुआ, जबकि दूसरी बेटी 2020 में गोवा में जन्मी।
शिक्षा से दूरी, समाज से अलगाव – बेटियों को गुफा में क्यों रखा गया?
ड्रोर ने अपनी शिकायत में गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि नीना न तो बेटियों को स्कूल भेजती हैं, और न ही किसी पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में विश्वास करती हैं। यही नहीं, जब-जब ड्रोर भारत आए, नीना जानबूझकर उन्हें बच्चों से दूर रखने लगीं और बार-बार स्थान बदलती रहीं।
यह मामला तब गंभीर हुआ जब नीना और उनकी दोनों बेटियों को गोकर्णा के रमाटीर्था इलाके की एक गुफा में छिपा पाया गया। गुफा में न बिजली थी, न मोबाइल नेटवर्क, और बच्चियों का किसी अन्य बच्चे से मिलना भी मना था। यह दृश्य किसी डिस्टोपियन फिल्म का हिस्सा लगता है, लेकिन ये एक हकीकत थी — भारत के अंदर छिपी एक दुनिया, जहां एक मां अपने बच्चों के साथ खुद को पूरी दुनिया से काट चुकी थी।
पिता की चिंता और कस्टडी की कानूनी लड़ाई
ड्रोर ने अब गोवा पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है और बच्चों की कस्टडी मांगी है। उन्होंने आग्रह किया है कि बच्चियों को रूस न भेजा जाए क्योंकि वहां उनका सामाजिक और शैक्षणिक भविष्य खतरे में है।
“नीना मुझे बेटियों से मिलने नहीं देती और बार-बार उन्हें मुझसे दूर ले जाती है। मुझे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गहरी चिंता है,” ड्रोर ने अपनी शिकायत में लिखा।
हालांकि पुलिस का कहना है कि ड्रोर को तथ्यों की पुष्टि के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए।
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