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Up Kiran, Digital Desk: चित्तौड़गढ़ जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि गूगल मैप पर भरोसा करना एक परिवार के लिए जानलेवा साबित हुआ। ऐप द्वारा सुझाए गए मार्ग ने वाहन को ऐसी पुलिया तक पहुँचा दिया जो पिछले तीन साल से बंद पड़ी थी। नतीजा यह हुआ कि रात के अंधेरे में वैन सीधे बनास नदी के तेज बहाव में जा फँसी और हादसे ने दर्दनाक रूप ले लिया।
रात करीब एक बजे कपासन क्षेत्र के राशमी थाना इलाके में यह घटना घटी। वैन में सवार सभी नौ लोग एक ही परिवार के थे और मंदिर से दर्शन कर वापस लौट रहे थे। गांव वालों ने परिवार को पुलिया के रास्ते से न जाने की चेतावनी दी थी, लेकिन गूगल मैप के निर्देशों का पालन करते हुए वाहन उस ओर चला गया।
जैसे ही वैन पानी से डूबी पुलिया पर पहुँची, तेज धारा ने उसे बहा ले जाना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि वैन लगभग 300 मीटर तक पानी के साथ बह गई। चालक ने वाहन को संभालने की बहुत कोशिश की, लेकिन हालात उसके काबू से बाहर थे।
इस दुखद हादसे में परिवार के पाँच सदस्य किसी तरह ऊपर चढ़कर अपनी जान बचाने में सफल रहे। लेकिन दुर्भाग्य से एक बच्ची और दो महिलाओं की डूबने से मौत हो गई। वहीं एक अन्य महिला का अभी तक सुराग नहीं मिल पाया है और उसकी तलाश जारी है।
स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो सोमी-उपरेड़ा पुलिया कई साल पहले क्षतिग्रस्त हो चुकी है और उस पर आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है। बावजूद इसके गूगल मैप का एल्गोरिथ्म अब तक उस मार्ग को हटा नहीं पाया, जिसका नतीजा इतनी बड़ी त्रासदी के रूप में सामने आया।
फिलहाल प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान चलाकर नदी से वैन बाहर निकाल ली है। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि तकनीक पर आंख मूंदकर भरोसा करना कितना खतरनाक हो सकता है, खासकर ऐसे क्षेत्रों में जहां प्राकृतिक जोखिम पहले से ही मौजूद हों।
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