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Up Kiran, Digital Desk: बॉलीवुड की चमक-धमक वाली दुनिया में कई ऐसी कहानियां दफन हैं, जिनमें प्यार तो था, पर मुकम्मल न हो सका। ऐसी ही एक दर्द भरी दास्तां है 70 के दशक की खूबसूरत अदाकारा और सुरीली गायिका सुलक्षणा पंडित की, जिनका एकतरफा प्यार इतना गहरा था कि उसने उनकी पूरी जिंदगी को ही वीरान कर दिया। और यह प्यार था हिंदी सिनेमा के महान कलाकार संजीव कुमार के लिए।

आज इस कहानी का जिक्र इसलिए भी खास है, क्योंकि किस्मत ने एक ऐसा खेल खेला कि जिस तारीख को संजीव कुमार इस दुनिया से गए, ठीक 40 साल बाद उसी तारीख यानी 6 नवंबर को सुलक्षणा पंडित ने भी अपनी आंखें मूंद लीं। 71 साल की उम्र में उनका निधन, उनकी इस अधूरी प्रेम कहानी का आखिरी और सबसे दर्दनाक अध्याय लिख गया।

फिल्म 'उलझन' से शुरू हुई दिल की 'उलझन'

यह कहानी 1975 में आई फिल्म 'उलझन' के सेट से शुरू होती है। यह सुलक्षणा पंडित की बतौर एक्ट्रेस पहली फिल्म थी और उनके हीरो थे संजीव कुमार। एक कामयाब गायिका के तौर पर अपनी पहचान बना चुकीं सुलक्षणा, संजीव कुमार के साथ काम करते-करते उन्हें अपना दिल दे बैठीं। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि यह प्यार उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी उलझन बन जाएगा।

संजीव कुमार का दिल किसी और के लिए धड़कता था

दरअसल, संजीव कुमार उस वक्त ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी को पसंद करते थे और उनसे शादी भी करना चाहते थे। उन्होंने हेमा को प्रपोज भी किया, लेकिन हेमा धर्मेंद्र से प्यार करती थीं, इसलिए उन्होंने संजीव कुमार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इस इनकार से संजीव कुमार का दिल टूट गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अपने जन्मजात हृदय रोग (congenital heart condition) के बारे में भी जानते थे, और शायद इसी वजह से भी उन्होंने आगे किसी से शादी न करने का फैसला कर लिया था।

"मुझसे शादी कर लो..." पर संजीव ने कर दिया इनकार

संजीव कुमार के टूटे दिल का हाल जानने के बावजूद सुलक्षणा का प्यार कम नहीं हुआ। उन्होंने संजीव कुमार को प्रपोज किया, लेकिन उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया। इस 'ना' ने सुलक्ष-णा को अंदर तक तोड़ दिया। जिस एक्ट्रेस और सिंगर का करियर बुलंदियों पर था, उसने फैसला कर लिया कि अगर संजीव कुमार उनके नहीं हो सकते, तो वह भी किसी और की नहीं होंगी। उन्होंने ताउम्र शादी न करने का फैसला किया और धीरे-धीरे डिप्रेशन में चली गईं।

महबूब की मौत और एक सितारे का अंत

1985 में, जब महज 47 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से संजीव कुमार का निधन हुआ, तो यह सदमा सुलक्षणा बर्दाश्त नहीं कर पाईं। वह पूरी तरह टूट गईं और उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से खुद को हमेशा के लिए अलग कर लिया। एक चमकता हुआ सितारा हमेशा के लिए गुमनामी के अंधेरे में खो गया।

यह सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं हो सकता कि जिस 6 नवंबर को संजीव कुमार उन्हें छोड़कर गए, ठीक 40 साल बाद उसी 6 नवंबर को सुलक्षणा पंडित ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। यह एक ऐसे प्यार की दास्तां है जो दुनिया में तो कभी पूरा न हो सका, लेकिन शायद मौत ने इन दो बिछड़ी आत्माओं को मिला दिया हो।