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Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को उच्च न्यायालय से एक बड़ा झटका लगा है। अदालत ने राज्य सरकार के उस नए कानून पर रोक लगाने से एक बार फिर इनकार कर दिया है, जिसके तहत इन कंपनियों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश निलय विपिनचंद्र अंजारिया और न्यायमूर्ति के.वी. अरविंद की दो-सदस्यीय पीठ ने ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF) द्वारा दायर की गई अपील को खारिज कर दिया। AIGF ने एकल-न्यायाधीश पीठ के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्होंने भी इस कानून पर अस्थायी रोक लगाने से मना कर दिया था।
क्या है पूरा मामला?
कर्नाटक सरकार ने हाल ही में कर्नाटक पुलिस अधिनियम में एक संशोधन किया था। इसके अनुसार, राज्य में काम करने वाली सभी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को एक नए प्राधिकरण, 'ऑनलाइन गेमिंग रेगुलेशन अथॉरिटी' से लाइसेंस लेना होगा।
गेमिंग फेडरेशन ने इस कानून को अदालत में चुनौती दी। पहले यह मामला एकल-न्यायाधीश (जस्टिस एस.आर. कृष्ण कुमार) के पास गया, जिन्होंने कानून पर तुरंत रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस फैसले के खिलाफ फेडरेशन ने दो-न्यायाधीशों की बड़ी बेंच में अपील की।
अब, इस बड़ी बेंच ने भी कहा है कि वे एकल-न्यायाधीश के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। उन्होंने एकल-न्यायाधीश को निर्देश दिया है कि वे इस मामले की मुख्य याचिका पर तेजी से सुनवाई करें और अगले दो महीनों के भीतर इस पर अपना अंतिम फैसला सुनाएं।
इस फैसले का मतलब है कि फिलहाल के लिए, कर्नाटक में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को लाइसेंस लेने का नियम मानना ही होगा।
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