
Up Kiran , Digital Desk:मंगलवार को पंजाब के कई शहरों में आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए व्यापक 'मॉक ड्रिल' और ब्लैकआउट रिहर्सल का आयोजन किया गया। यह कदम भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किए जाने के बाद उत्पन्न हुए बढ़े हुए अलर्ट के मद्देनजर उठाया गया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली (इमरजेंसी रेस्पॉन्स सिस्टम) की क्षमता का मूल्यांकन करना और उसमें मौजूद कमियों को पहचानकर उन्हें दूर करना था।
अभ्यास के दौरान आग लगने जैसी गंभीर आपातकालीन स्थितियों काจำลอง (सिमुलेशन) किया गया। फिरोजपुर, लुधियाना, अमृतसर, बठिंडा, गुरदासपुर, होशियारपुर, पटियाला, पठानकोट, बरनाला और मोहाली जैसे प्रमुख शहरों में बचाव कार्यों की रिहर्सल की गई। ब्लैकआउट रिहर्सल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन भी बजाए गए, जिससे माहौल वास्तविक स्थिति जैसा प्रतीत हो।
विभिन्न शहरों में बिजली कटौती और नागरिक सुरक्षा अभ्यास
अलग-अलग शहरों में निर्धारित समय पर बिजली आपूर्ति बंद रखी गई। मोहाली और चंडीगढ़ में शाम 7:30 बजे से 10 मिनट के लिए, संगरूर में रात 8:30 से 8:40 बजे तक, लुधियाना में रात 8:00 से 8:30 बजे तक और फिरोजपुर में रात 9:00 से 9:30 बजे तक ब्लैकआउट किया गया। इस दौरान बाजारों और मॉल्स में बिजली काटी गई, हालांकि अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों में बिजली आपूर्ति सुचारू रखी गई ताकि आवश्यक सेवाएं बाधित न हों। अधिकारियों ने बताया कि इस ड्रिल का मकसद वास्तविक समय में इमरजेंसी रिस्पॉन्स को मजबूत करना है। चंडीगढ़ में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल-17 सहित तीन स्थानों पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई।
अमृतसर में दो बार ब्लैकआउट, सीमा पर विशेष सतर्कता
अमृतसर में मंगलवार रात 10:30 से 11:00 बजे तक ब्लैकआउट रिहर्सल की गई। अटारी के सीमावर्ती इलाकों में 10:30 बजे सायरन बजते ही सभी बाजारों और स्ट्रीट लाइट्स को बंद कर दिया गया। यह ड्रिल गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत की गई, जिसमें दिन में एयर स्ट्राइक अलर्ट मॉक ड्रिल और रात में ब्लैकआउट का अभ्यास शामिल था। स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले अलार्म बजने पर लाइट्स बंद की गईं और आधे घंटे बाद दोबारा अलार्म बजने पर खतरे का संकेत समाप्त कर लाइट्स बहाल की गईं। 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा गया। अमृतसर में दोबारा भी ब्लैकआउट कर सभी तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया गया, खासकर अटारी जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में, ताकि पाकिस्तान की ओर से किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई को रोका जा सके और नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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