
भारतीय खुफिया एजेंसियों और विशेष बलों की संयुक्त कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत देश की सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर खतरा टाल दिया गया है। इस अभियान में दो ऐसे विदेशी सैन्य ऑपरेटिव्स को मार गिराया गया, जो भारत में रहकर पाकिस्तान को खुफिया जानकारी उपलब्ध करवा रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, यह अभियान एक गोपनीय सूचना के आधार पर शुरू किया गया था, जिसमें बताया गया था कि कुछ विदेशी नागरिक भारत में संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं। जांच के दौरान पता चला कि इन दोनों का संबंध तुर्किए से है और वे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के इशारे पर भारत में जासूसी नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश कर रहे थे।
ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने इन्हें एक सीमावर्ती इलाके में घेर लिया। खुद को फँसा देख इन लोगों ने भागने की कोशिश की और जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ में दोनों ऑपरेटिव्स मारे गए। उनकी पहचान तुर्किए की मिलिट्री बैकग्राउंड से जुड़े एजेंट्स के रूप में की गई है।
मौके से बरामद दस्तावेज़, डिजिटल उपकरण और नक्शे यह संकेत देते हैं कि ये लोग भारत के सैन्य ठिकानों और रणनीतिक संस्थानों की जानकारी एकत्र कर रहे थे। बरामद सामग्री की जांच अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जा रही है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह ऑपरेशन भारत के खिलाफ चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय साजिश को उजागर करता है, जिसमें पाकिस्तान और उसके सहयोगी देश शामिल हो सकते हैं। सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार की कार्रवाई से न केवल भविष्य के खतरों को रोका जा सकता है, बल्कि भारत की सुरक्षा नीति को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकता है।
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