
Up Kiran, Digital Desk: कपास बीज कंपनियों और आयोजकों को कड़ी चेतावनी देते हुए बीआरएस गडवाल निर्वाचन क्षेत्र के प्रभारी बसु हनुमंथु नायडू ने कहा कि अगर कपास बीज के पैकेट की कीमतों में 50 रुपये की भी कटौती की गई तो जोगुलम्बा गडवाल जिले में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे। उन्होंने किसानों के शोषण को रोकने के लिए जीएमएस किस्म के लिए 500 रुपये और कन्वेंशन किस्म के लिए 600 रुपये की एक समान मूल्य नीति की मांग की।
सोमवार को बीआरएस जिला पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नायडू ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह लगातार किसानों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोजक और कंपनियां जानबूझकर बीज की कीमतों को लेकर किसानों के बीच भ्रम पैदा कर रही हैं, जिससे बुवाई के मौसम की शुरुआत में ही किसान संकट में फंस रहे हैं।
नायडू ने कहा, "नदीगड्डा में किसान बड़े पैमाने पर कपास के बीज की खेती कर रहे हैं। आयोजक उनकी उपज से लाभ कमाते हैं, फिर भी उन्हें उचित मूल्य नहीं देते। यह लूट से कम नहीं है।" उन्होंने बीज कंपनियों और आयोजकों से आपस में समन्वय स्थापित करने और बिना किसी हेराफेरी के किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
उन्होंने हर साल बार-बार भ्रामक व्यवहार करने के लिए कंपनियों की आलोचना की और नैतिक व्यावसायिक व्यवहार अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा, "हमें किसानों की मेहनत की कमाई को लूटने नहीं देना चाहिए।"
बीज की कीमत के मुद्दे के अलावा नायडू ने धान की फसल उगाने वाले किसानों की मदद के लिए तत्काल सरकारी हस्तक्षेप की मांग की, जिनकी फसल पिछले सप्ताह अचानक हुई बारिश में भीग गई थी। उन्होंने कहा कि आईकेपी केंद्रों पर बड़ी मात्रा में धान भीग गया, जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
इस अवसर पर चक्रधर राव, मोनेश, डी शेखर नायडू, वेंकटेश नायडू, गंजीपेट राजू, कोलाई भास्कर और अन्य प्रमुख पार्टी नेता और किसान उपस्थित थे।
--Advertisement--