img

Bengal Elections 2026: दिल्ली में चुनाव खत्म हो चुके हैं। अब बिहार में चुनावी माहौल गर्म है और पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। हालांकि, अभी से राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इसी बीच, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को कड़ी चुनौती देने की ठानी है।

खबरों के मुताबिक, AIMIM 2026 के विधानसभा चुनाव में सभी 294 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी के नेता मोहम्मद इमरान सोलंकी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में बताया कि बंगाल में पार्टी के करीब 3 लाख सदस्य हैं और 2023 के पंचायत चुनाव में अकेले मालदा और मुर्शिदाबाद से उन्हें करीब 1.5 लाख वोट मिले थे।

2021 के विधानसभा चुनाव में भी एआईएमआईएम ने किस्मत आजमाई थी, मगर उसे कोई खास सफलता नहीं मिली। इस बार पार्टी का दावा है कि हालात पहले से अलग हैं और वे पूरे राज्य में अपना प्रभाव बढ़ाने में सफल होंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक, एआईएमआईएम राज्यभर में घर-घर जाकर सदस्यता अभियान चला रही है। इसके अलावा, जिलों में इफ्तार पार्टियों का भी आयोजन किया जा रहा है। ऐसी संभावना है कि असदुद्दीन ओवैसी ईद के बाद पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे और चुनावी रैलियों में हिस्सा लेंगे। राज्य में मुस्लिम आबादी करीब 27% है, जो कई विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाती है।

बीजेपी को ऐसे होगा फायदा

बंगाल में कई ऐसी सीटें हैं, जहां मुस्लिम मतदाता चुनावी नतीजों को प्रभावित करते हैं। अब तक, टीएमसी को मुस्लिम समुदाय का समर्थन मिलता रहा है। मगर अगर AIMIM सभी सीटों पर चुनाव लड़ती है और मुस्लिम वोटों का बंटवारा होता है, तो इससे ममता बनर्जी को नुकसान और भाजपा को फायदा हो सकता है।

2021 में एआईएमआईएम ने मालदा, मुर्शिदाबाद और उत्तर दिनाजपुर जिलों में 7 उम्मीदवार उतारे थे, मगर पार्टी कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। राज्य में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 2021 के चुनाव में टीएमसी ने 213 सीटों पर जीत दर्ज की थी।