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Up Kiran, Digital News: बिहार के सीमांचल इलाके में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से चलाए जा रहे 'सामाजिक न्याय और जनजागरण अभियान' ने राजनीतिक गर्मी और बढ़ा दी है। कटिहार के सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने खुलकर अपने विचार रखे और कई बड़े राजनीतिक बयान दिए।

फातमी ने इस दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर तीखा हमला बोला और उन्हें बीजेपी की ‘बी टीम’ करार दिया।

ओवैसी पर फातमी का हमला, कहा- पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं

फातमी ने कहा कि ओवैसी की राजनीतिक गतिविधियां भाजपा को फायदा पहुंचाने के मकसद से संचालित होती हैं। वह एक रणनीतिक खेल खेल रहे हैं, जिससे असल में फायदा सिर्फ भाजपा को मिल रहा है। ओवैसी बिहार में भाजपा की सरकार बनवाना चाहते हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ओवैसी और भाजपा के बीच ‘नूरा कुश्ती’ चल रही है यानी दिखावटी लड़ाई, मगर असल में एक-दूसरे को फायदा पहुंचाना ही मकसद।

फातमी ने अपने पुराने राजनीतिक रुख पर आत्मचिंतन करते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने एक समय ओवैसी का समर्थन किया था मगर अब “खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं।”

तेजस्वी ही बिहार की असली उम्मीद

अपनी पार्टी की तरफदारी करते हुए फातमी ने तेजस्वी यादव को “बिहार की नई उम्मीद” बताया। उन्होंने कहा कि कि आज के समय में बिहार में समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और आमजन के हक की राजनीति अगर कोई कर रहा है तो वो तेजस्वी यादव हैं। मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त चेहरा भी वही हैं।

फातमी के इस बयान को राजद की तरफ से सीमांचल में राजनीतिक ध्रुवीकरण की एक बड़ी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, जहां मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग की निर्णायक भूमिका है। सीमापार तनाव पर पूछे गए सवाल पर फातमी ने भारत सरकार की सीजफायर नीति का समर्थन किया।

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