
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के महानतम सम्राटों में से एक, राजेंद्र चोल प्रथम की स्मृति में एक विशेष स्मारक सिक्का जारी किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत की एकता के उन प्राचीन और मजबूत बंधनों को और अधिक सशक्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जो सदियों से हमारी संस्कृति का हिस्सा रहे हैं।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने चोल वंश के योगदान को याद करते हुए कहा कि यह वंश सिर्फ दक्षिण भारत ही नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष और दक्षिण-पूर्व एशिया तक अपनी संस्कृति और प्रशासनिक कुशलता के लिए प्रसिद्ध था। राजेंद्र चोल प्रथम ने भारतीय समुद्री शक्ति को स्थापित कर विश्व में भारत की पहचान मजबूत की थी।
स्मारक सिक्का न केवल ऐतिहासिक महत्व का है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को भारत की समृद्ध विरासत और गौरवशाली अतीत से जोड़ने का माध्यम भी है। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे प्रयास भारत को सांस्कृतिक रूप से और भी समृद्ध बनाएंगे।
इस मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में चोल काल की कला, संस्कृति और प्रशासनिक प्रणाली पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर भारत की विविधता में एकता की भावना को पुनः दोहराते हुए कहा कि देश का अतीत जितना गौरवशाली रहा है, उतना ही उज्ज्वल भविष्य हमें मिलकर बनाना है।
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