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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक रणनीति में इस बार एक नया और चौंकाने वाला नाम जुड़ा है — कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर। पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए तैयार किए गए विशेष मिशन 'प्लान पाक बेनकाब' में थरूर को अहम भूमिका दी गई है।

सूत्रों के अनुसार, इस बहुदलीय डेलिगेशन का उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और सीमा पार गतिविधियों को वैश्विक स्तर पर उजागर करना है। खास बात यह है कि थरूर जैसे विपक्षी नेता की इस योजना में भागीदारी यह संकेत देती है कि सरकार अब राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर काम कर रही है।

शशि थरूर, जो पूर्व में संयुक्त राष्ट्र में उच्च पदों पर कार्य कर चुके हैं और विदेश नीति में विशेषज्ञ माने जाते हैं, इस अभियान में भारत की बात अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष सशक्त रूप से रखने में सहायक हो सकते हैं। उनके अनुभव और संवाद क्षमता का फायदा इस रणनीति को मजबूती देने में मिलेगा।

थरूर ने खुद भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जब बात राष्ट्रहित की हो, तो मैं किसी भी राजनीतिक भेदभाव से ऊपर उठकर काम करने को तैयार हूं। मैं प्रधानमंत्री और सरकार का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे इस जिम्मेदारी के योग्य समझा।"

जानकारों का मानना है कि यह कदम भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाने और पाकिस्तान के खिलाफ प्रमाणिकता के साथ अंतरराष्ट्रीय माहौल तैयार करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है।

इस पहल को विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच सहयोग का प्रतीक भी माना जा रहा है। यह दिखाता है कि देशहित में एकजुट होकर काम करना अब केवल विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुका है।

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