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Up Kiran, Digital Desk: आज, 14 अगस्त को, भारत 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' (Partition Horrors Remembrance Day) के रूप में उस काले अध्याय को याद कर रहा है, जिसने देश के इतिहास पर एक अमिट और दर्दनाक छाप छोड़ी। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narदौर में लाखों लोगों द्वारा झेले गए "उथल-पुथल और दर्द" (upheaval and pain) को स्मरण किया।

यह ध्यान देने योग्य है कि 2021 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को प्रतिवर्ष 'विभाजन विभीषिका दिवस' (Vibhajan Vibhishika Divas) के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य विभाजन के दौरान 14 अगस्त के दिन हुए बलिदानों (sacrifice) को याद करना और आने वाली पीढ़ियों को उस दर्दनाक ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराना है। यह दिन केवल राजनीतिक घटना का स्मरण नहीं, बल्कि उन करोड़ों लोगों के अकल्पनीय कष्टों, बिछोहों और त्रासदियों का प्रतीक है जो उस समय भारत के विभाजन (India Partition) के कारण झेलने पड़े थे।

पीएम मोदी का मार्मिक संदेश: 'अकल्पनीय नुकसान और फिर भी शुरुआत करने की ताकत'

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, "भारत #PartitionHorrorsRemembranceDay मना रहा है, उस दुखद अध्याय के दौरान अनगिनत लोगों द्वारा झेले गए उथल-पुथल और दर्द को याद कर रहा है। यह उनके साहस का सम्मान करने का भी अवसर है... अकल्पनीय क्षति का सामना करने और फिर भी नए सिरे से शुरुआत करने की ताकत पाने की उनकी क्षमता का सम्मान करने का दिन है।"

यह संदेश उन लाखों लोगों के अदम्य साहस (grit) और लचीलेपन (resilience) को दर्शाता है, जिन्होंने विभाजन की भयावहता के बीच अपना घर, संपत्ति, प्रियजन सब कुछ खो दिया था, लेकिन फिर भी हार नहीं मानी। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपने जीवन का पुनर्निर्माण (rebuild their lives) किया और नई ऊंचाइयों को छुआ।

एकता और सद्भाव का आह्वान: 'सद्भाव के बंधन को मजबूत करें'

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देशवासियों को एकजुटता (unity) और राष्ट्रीय सद्भाव (harmony) के महत्व की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा, "प्रभावित हुए कई लोग अपने जीवन का पुनर्निर्माण करने और उल्लेखनीय मील के पत्थर हासिल करने में कामयाब रहे। यह दिन हमें उन सद्भाव के बंधनों को मजबूत करने की हमारी स्थायी जिम्मेदारी की भी याद दिलाता है जो हमारे देश को एक साथ जोड़ते हैं।"

 विभाजन की पीड़ा से सीख लेकर, हमें राष्ट्र को एकजुट रखने वाले प्रेम, करुणा और सद्भाव के धागों को और मजबूत करना होगा। यह दिन हमें याद दिलाता है कि नफरत और विभाजनकारी ताकतों से ऊपर उठकर, हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो सभी के लिए सुरक्षित, शांतिपूर्ण और समृद्ध हो।

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