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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही एक ऐतिहासिक पांच-राष्ट्रों के दौरे पर निकलने वाले हैं, जो भारत की विदेश नीति और वैश्विक कूटनीति के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण होगा। यह दौरा भारत के द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने, रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और वैश्विक मंच पर देश के बढ़ते कद को प्रदर्शित करने पर केंद्रित होगा। यह यात्रा आर्थिक सहयोग, रक्षा, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नए रास्ते खोलेगी।

आइए जानें, प्रत्येक देश की यात्रा का भारत के लिए क्या महत्व होगा:

संयुक्त राज्य अमेरिका (US):
यह यात्रा भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण है, जिसका उद्देश्य रक्षा सहयोग, उन्नत प्रौद्योगिकी साझाकरण और व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए क्वाड (QUAD) गठबंधन के तहत क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग पर भी जोर दिया जाएगा।

यूनाइटेड किंगडम (UK):
यूके के साथ, मुख्य ध्यान मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने पर रहेगा, जिसका उद्देश्य व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है। रक्षा सहयोग, प्रवासन के मुद्दे और शिक्षा क्षेत्र में साझेदारी भी चर्चा का विषय होंगे, जिससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।

फ्रांस (France):
फ्रांस भारत का एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार रहा है, खासकर रक्षा क्षेत्र में। यह दौरा रक्षा सौदों को आगे बढ़ाने, असैन्य परमाणु सहयोग को मजबूत करने और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में साझेदारी का विस्तार करने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे भारत की सामरिक क्षमताएं बढ़ेंगी।

जर्मनी (Germany):
जर्मनी के साथ संबंध मुख्य रूप से आर्थिक और व्यापारिक सहयोग पर केंद्रित होंगे। नवीकरणीय ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी और कौशल विकास में सहयोग बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी है और भारत के 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को मजबूती देगा।

जापान (Japan):
जापान के साथ भी, क्वाड गठबंधन और हिंद-प्रशांत सुरक्षा पर चर्चा जारी रहेगी, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। आर्थिक साझेदारी, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (जैसे बुलेट ट्रेन) और उन्नत प्रौद्योगिकी सहयोग को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, जिससे भारत में बड़े पैमाने पर विकास होगा।

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