Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी ब्रिटेन और मालदीव यात्रा भारत की विदेश नीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगी। 23 जुलाई से शुरू हो रहा यह दौरा भारत के प्रमुख सहयोगियों के साथ संबंधों को गहरा करने और विभिन्न द्विपक्षीय व क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगा।
ब्रिटेन यात्रा का एजेंडा: ब्रिटेन में, प्रधानमंत्री का मुख्य ध्यान मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने पर रहेगा। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, जिससे आर्थिक संबंध मजबूत होंगे। दोनों पक्ष लंबे समय से FTA पर काम कर रहे हैं, और इस यात्रा के दौरान इसमें महत्वपूर्ण प्रगति होने की उम्मीद है।
इसके अलावा, सुरक्षा सहयोग और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी। ब्रिटेन में खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों और भारतीय राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसे संवेदनशील विषयों पर भी बात होने की संभावना है, जैसा कि हाल के दिनों में देखा गया है।
मालदीव यात्रा का एजेंडा: मालदीव यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत इस हिंद महासागर राष्ट्र के साथ अपने पारंपरिक संबंधों को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में 'इंडिया आउट' अभियान और इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर, सुरक्षा सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाना प्रमुख होगा। भारत मालदीव के साथ अपने रक्षा संबंधों को मजबूत करना चाहता है ताकि हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। यह यात्रा दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के संबंधों को गहरा करने और साझा हितों को आगे बढ़ाने का मंच भी प्रदान करेगी।
                    


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