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Up Kiran, Digital Desk: थाईलैंड में एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में बड़ी हलचल मच गई है। देश की प्रधानमंत्री पाएटोंगटार्न शिनावात्रा को एक गोपनीय फोन कॉल के लीक होने के बाद उनके पद से निलंबित कर दिया गया है। यह कॉल कंबोडिया के प्रभावशाली नेता हुन सेन के साथ उनकी बातचीत से जुड़ी थी। अदालती हस्तक्षेप या कानूनी प्रक्रिया के तहत यह फैसला आया है, जिसने देश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है।

चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले एक साल के भीतर यह दूसरी बार है जब थाईलैंड के शीर्ष नेतृत्व में इस तरह का बदलाव आया है। इससे पता चलता है कि थाईलैंड में राजनीतिक स्थिरता अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

इस घटना ने थाईलैंड की पहले से ही अस्थिर राजनीतिक स्थिति को और गहरा कर दिया है। लीक्ड कॉल की सामग्री और उसके पीछे की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे सरकार की पारदर्शिता और नैतिक आचरण पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

थाईलैंड की राजनीति लंबे समय से सैन्य तख्तापलट, बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और न्यायिक हस्तक्षेपों के कारण उथल-पुथल भरी रही है। पाएटोंगटार्न, जो पूर्व प्रधानमंत्रियों थाकसिन शिनावात्रा और यिंगलक शिनावात्रा की बेटी हैं, उनके परिवार का नाम अक्सर थाई राजनीति में बड़े विवादों से जुड़ा रहा है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि यह राजनीतिक उथल-पुथल देश की स्थिरता और क्षेत्रीय संबंधों को कैसे प्रभावित करती है। थाईलैंड के लिए यह एक मुश्किल घड़ी है, जहां जनता को अब अगले राजनीतिक घटनाक्रम का इंतजार है।

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