
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने न केवल देश को, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 लोगों की दर्दनाक मौत हुई, और दुनिया भर के नेताओं ने इस त्रासदी की कठोर निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता जताई है। अमेरिका, रूस, इजरायल, संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों ने इस कायराना हमले के खिलाफ सख्त शब्दों में अपना विरोध जताया है।
'भारत के साथ है अमेरिका'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और भारत को पूरी मदद का भरोसा दिया। उन्होंने इस हमले को "जघन्य" करार दिया और कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरा शोक जताया है।
पुतिन ने कहा—‘कोई औचित्य नहीं’
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी को संदेश भेजकर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने इस हमले को "क्रूर अपराध" कहा और दोहराया कि दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। पुतिन ने भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
इजरायल ने जताई संवेदना
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इस घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि यह एक बर्बर हमला था जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान गई। उन्होंने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में साथ देने की बात कही।
इटली, अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने भी जताया दुख
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी इस घटना को बेहद दुखद बताया और पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई। वहीं, भारत की यात्रा पर आए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने भी अपनी संवेदना प्रकट की और कहा कि भारत की सुंदरता और लोगों की गर्मजोशी के बीच यह घटना अत्यंत दर्दनाक है।
संयुक्त राष्ट्र का तीखा बयान
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि नागरिकों को निशाना बनाना किसी भी परिस्थिति में अस्वीकार्य है। उन्होंने हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
यूरोपीय संघ, जर्मनी और UAE की प्रतिक्रिया
यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि काजा कालास ने इस हमले को "जघन्य" बताते हुए कहा कि यूरोपीय संघ आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। जर्मनी ने इसे "क्रूर हमला" बताया और निर्दोषों की हत्या को अनुचित करार दिया। यूएई ने भी इस कृत्य की कठोर निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया।
श्रीलंका और नेपाल की प्रतिक्रिया
श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने हमले को जघन्य करार दिया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की, खासकर इसलिए क्योंकि मारे गए लोगों में एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। उन्होंने कहा कि नेपाल भारत के साथ मजबूती से खड़ा है।
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