
Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बेगुनाह पर्यटकों पर हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच माहौल बेहद गरमाया हुआ है। इस बढ़ते तनाव के बीच अब अमेरिका भी खुलकर सामने आया है और उसने स्पष्ट रूप से भारत का पक्ष लिया है, जिससे पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है।
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने एक बयान जारी कर कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में अमेरिका पूरी मजबूती से भारत के साथ खड़ा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका पूरा समर्थन हासिल है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पीएम मोदी से यही बात कही थी।
पीएम मोदी को हमारा पूरा समर्थन
प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने साफ शब्दों में कहा, "हम स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। कल ही अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग बात की है। जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले हफ्ते पीएम मोदी से कहा था, अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है और प्रधानमंत्री मोदी को हमारा पूरा समर्थन है।"
दोनों देशों से संयम बरतने की अपील
हालांकि, अमेरिका ने समर्थन के साथ-साथ दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव कम करने की भी अपील की है। टैमी ब्रूस ने बताया कि विदेश मंत्री रुबियो ने दोनों देशों को एक ज़िम्मेदार हल निकालने की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया है, ताकि दक्षिण एशिया में लंबे समय तक शांति और स्थिरता कायम हो सके।
उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने बताया, हम दोनों देशों की सरकारों के साथ कई स्तरों पर लगातार संपर्क में हैं।" जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी तनाव कम करने की अपील पर ध्यान दिया जा रहा है, तो उन्होंने जवाब दिया, "हम दोनों पक्षों से एक ज़िम्मेदार समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।"
क्यों बढ़ा है तनाव?
अमेरिका का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन बहुत ज़्यादा बढ़ गई है। भारत का आरोप है कि हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी हैं। इस बीच, सीमा पर पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर तोड़ने की खबरें भी आ रही हैं।
भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को स्थगित करना, अटारी बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करना और दोनों देशों में एक-दूसरे के दूतावासों में कर्मचारियों की संख्या कम करने जैसे फैसले शामिल हैं।
अमेरिका के इस खुले समर्थन ने जहाँ भारत के पक्ष को मजबूती दी है, वहीं पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने और तनाव घटाने का दबाव भी बढ़ा दिया है।
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