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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटन का आनंद ले रहे भारतीय नागरिकों पर हुए कायराना आतंकी हमले ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है। इस बर्बर हमले में अब तक 26 लोगों की जान चली गई है। इस जघन्य अपराध के बाद भारतीय सेना ने निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वाले क्रूर आतंकवादियों को ढूंढ निकालने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान छेड़ दिया है। प्रशासन ने प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के आधार पर तीन आतंकवादियों के स्केच भी जारी किए हैं ताकि उनकी पहचान और गिरफ्तारी में मदद मिल सके।
सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा बलों ने पहलगाम के घने जंगलों में अलग अलग जगहों पर तलाशी अभियान तेज कर दिया है। यह आशंका जताई जा रही है कि हमले को अंजाम देने के बाद आतंकवादी इन्हीं जंगलों में अपने सुरक्षित ठिकानों की ओर भाग गए होंगे। भारतीय सेना के जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें मिलकर इन हत्यारों की तलाश में जुटी हुई हैं ताकि उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जा सके और कानून के शिकंजे में लाया जा सके।
हमले के बाद जंगल बने आतंकियों का ठिकाना
पहलगाम के मनोरम वादियों में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाने के बाद आतंकवादियों के पास छिपने के लिए जंगल ही सबसे संभावित ठिकाना हैं। घने पेड़-पौधे और दुर्गम इलाका उन्हें सुरक्षा बलों की नजरों से बचने में मदद कर सकता है। यही कारण है कि सुरक्षा एजेंसियां पहलगाम के चप्पे-चप्पे को छान रही हैं ताकि इन आतंकवादियों का कोई भी सुराग मिल सके।
गृह मंत्री ने पीड़ितों से मिलकर बंधाया ढांढस
इस दुखद घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तुरंत जम्मू-कश्मीर पहुंचे। आज सवेरे उन्होंने पहलगाम में हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान मृतकों के शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना देते हुए गृह मंत्री ने उन्हें न्याय का आश्वासन दिया। पीड़ितों के साथ हुई मुलाकात के दौरान भावुक दृश्य देखने को मिले जहां अपने प्रियजनों को खोने के गम में डूबे लोग आंसू नहीं रोक पाए।