_1724181111.png)
Up Kiran, Digital Desk: पहलगाम अटैक के बाद भारत ने जो कड़े कदम उठाए हैं उससे न केवल पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गई हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत की सख्त नीति साफ दिखाई दे रही है। भारत की ओर से सिंधु जल संधि की समीक्षा और झेलम नदी में पानी छोड़ने जैसे कदमों ने पाकिस्तान को गहरे दबाव में ला दिया है। सूत्रों के मुताबिक इन कार्रवाइयों के चलते पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
भारत ने इस बार केवल कड़ी निंदा तक खुद को सीमित नहीं रखा है बल्कि ये स्पष्ट कर दिया है कि जो भी इस हमले में शामिल है चाहे वे आतंकी हों या उन्हें शरण देने वाले, उन्हें कड़ा दंड मिलेगा, प्लान बन गया है और गुप्त रखा गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दिशा में अमेरिका को भी भारत की मंशा साफ-साफ बता दी है।
अमेरिका से आधी रात को हुई बातचीत
सूत्रों के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने आधी रात को एस जयशंकर से फोन पर बातचीत की। इस बातचीत का केंद्र था – भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को रोकना और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत करना। अमेरिकी पक्ष ने भारत की संवेदनाओं को समझते हुए दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।
एस जयशंकर ने इस बातचीत की जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी। उन्होंने लिखा “कल मैंने पहलगाम आतंकी हमले के बारे में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की। इस हमले को अंजाम देने वाले दोषियों उनका साथ देने वालों और साजिश रचने वालों को कड़ी से कड़ी सजा जरूर मिलेगी।”
पाकिस्तान को मिली चेतावनी
सूत्रों के अनुसार अमेरिका ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी बातचीत की। इस बातचीत में रुबियो ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी और पहलगाम हमले की जांच में सहयोग करने को कहा।
भारत की बदलती रणनीति
विश्लेषकों का मानना है कि यह भारत की रणनीति में बड़ा बदलाव है। जहां पहले भारत वैश्विक मंचों पर अपनी बात रखता था अब वह सीधी कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हट रहा। सिंधु जल संधि को लेकर भारत के फैसले और PoK में पानी छोड़ने की कार्रवाई को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है।
--Advertisement--