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Up Kiran Digital Desk: पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना के युद्धाभ्यासों से पाकिस्तानी सेना और सरकार की नींद उड़ गई है। भारत की सैन्य तैयारियों से भयभीत पाकिस्तान विभिन्न देशों से मदद मांग रहा है। पाकिस्तान भारत के मित्र राष्ट्रों से अपील कर रहा है कि वे समझें कि भारत को हमला नहीं करना चाहिए। तुर्की-ईरान और अमेरिका के बाद अब पाकिस्तान ने रूस से भी मदद मांगी है। अमेरिका पहले ही पाकिस्तान को फटकार लगा चुका है।

इस बीच रूस में पाकिस्तान के राजदूत खालिद जमाली ने पुतिन सरकार से मदद की अपील की है। जमाली ने कहा कि रूस भारत का रणनीतिक साझेदार है और पाकिस्तान का मित्र भी है। ऐसी स्थिति में तनाव कम करने के लिए रूस को मध्यस्थता करनी चाहिए। रूस ने 1966 के ताशकंद समझौते में भी इसी तरह की सहायता प्रदान की थी। तब जमाली ने रूस को याद दिलाया था कि तत्कालीन सोवियत संघ ने सैन्य संघर्ष को समाप्त करने में मदद की थी। हालाँकि, यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान को रूस से कोई मदद नहीं मिलेगी।

ईरान से भी अपील की गई

पाकिस्तान को ईरान से भी मदद की उम्मीद है, जो भारत का करीबी है। ईरान के विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अराक़ची इस्लामाबाद पहुंच गए हैं। वहां से वह नई दिल्ली भी जाएंगे। ऐसे में पाकिस्तान ने भी भारत को समझाने की अपील की है।

तुर्की से सहायता प्राप्त करने का प्रयास

एक तरफ पाकिस्तान शांति की अपील कर रहा है तो दूसरी तरफ दुनिया भर के ताकतवर देशों से मदद मांग रहा है। गोला-बारूद और हथियारों की कमी को देखते हुए पाकिस्तान तुर्की जैसे देशों से सैन्य सहायता भी मांग रहा है। तुर्की के युद्धपोत भी कराची पहुंच चुके हैं।

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