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Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। ऑपरेशन सिंदूर में भारत से हारने के बावजूद मुनीर को प्रमोशन मिला था और अब वह पाकिस्तान की मौजूदा लीडरशिप के साथ मिलकर अगले 10 सालों तक देश की सत्ता में काबिज होने की योजना बना रहे हैं। उनके इस प्लान की दिशा को लेकर हाल ही में एक अहम बैठक भी हुई है।
सीक्रेट बैठक: पाकिस्तानी लीडरशिप की मंसा क्या है?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के फार्महाउस पर एक सीक्रेट बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नवाज शरीफ, पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम और आर्मी चीफ आसिम मुनीर शामिल हुए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अगले दस सालों तक पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य रणनीति को सुदृढ़ करना था। बैठक में पाकिस्तान की स्थिरता पर जोर दिया गया, खासकर दीर्घकालिक आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता की दिशा में।
‘व्यवस्था की निरंतरता’ की योजना: क्या है इसका उद्देश्य?
बैठक में एक दस वर्षीय ‘व्यवस्था की निरंतरता’ योजना पर सहमति बनी। इसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान के राजनीतिक और आर्थिक माहौल को स्थिर रखना है, ताकि विदेशी निवेशकों और महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय साझेदारों जैसे अमेरिका, चीन, और खाड़ी देशों को एक सुरक्षित और स्थिर वातावरण मिल सके। इसके अलावा, यह योजना पाकिस्तान की आंतरिक ताकत को भी मजबूत करने की कोशिश करती है।
आसिम मुनीर का कार्यकाल बढ़ने की संभावना
सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है कि आसिम मुनीर का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। उन्हें 2022 में तीन साल के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन अब पाकिस्तानी सेना अधिनियम 1952 में संशोधन की योजना बन रही है, जिससे मुनीर को पांच साल का और विस्तार मिल सकता है। उनके कार्यकाल की अवधि 28 नवंबर 2025 को खत्म हो रही है और अब उनकी पुनर्नियुक्ति की औपचारिक प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है।
पाकिस्तान के नागरिक-सैन्य शासन की संरचना
बैठक में पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य शासन के ढांचे को और मजबूत करने पर भी चर्चा की गई। यहां पर यह तय किया गया कि सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के बीच सहमति से महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। इसमें आईएसआई के डीजी, सैन्य खुफिया के डीजी और प्रति-खुफिया पदों पर नियुक्तियां भी दोनों पक्षों की सहमति से की जाएंगी। इसके अलावा, आईएसआई के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक, जो अक्टूबर में रिटायर होने वाले हैं, उनके कार्यकाल को बढ़ाने पर भी चर्चा की गई।
इमरान खान पर चर्चा: क्या है भविष्य का रास्ता?
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बारे में भी विचार-विमर्श हुआ। इमरान खान जो फिलहाल जेल में हैं, उनकी राजनीति और आसिम मुनीर तथा शरीफ परिवार से पुरानी दुश्मनी जगजाहिर है। पाकिस्तान के आम चुनाव में इमरान के पक्ष में जनता का बड़ा समर्थन था, लेकिन शहबाज शरीफ की पार्टी सत्ता में आने में सफल रही। इस बैठक में साफ तौर पर यह निर्णय लिया गया कि इमरान खान को किसी भी हाल में रियायत नहीं दी जाएगी।
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