
Up Kiran, Digital Desk: आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने हाल ही में कहा है कि आयुष उद्योग तेजी से $200 अरब के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने यह बात नई दिल्ली में आयुष मंत्रालय की पहली संसदीय परामर्शदात्री समिति (Parliamentary Consultative Committee) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
समर्पित संसदीय समिति का गठन: आयुष को मिलेगी नई दिशा
मंत्री जाधव ने इस बात पर जोर दिया कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आयुष मंत्रालय के एक स्वतंत्र मंत्रालय बनने के बाद पहली बार एक समर्पित संसदीय परामर्शदात्री समिति की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण कदम आयुष संबंधी मामलों पर केंद्रित चर्चाओं, बेहतर ध्यान और मजबूत नीतिगत दिशा सुनिश्चित करने में मदद करेगा। यह मंत्रालय की भूमिका को और मजबूत करेगा, जिससे एक अधिक समग्र और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा।"
आयुष क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि:
जाधव ने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, आयुष क्षेत्र ने अनुसंधान परिषदों, वैधानिक निकायों और राष्ट्रीय संस्थानों के एक मजबूत नेटवर्क के साथ तेजी से विकास किया है। उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और राष्ट्रीय आयुष मिशन जैसी पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं लाखों लोगों तक पहुँच रही हैं, जबकि आयुष उद्योग लगातार $200 अरब के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 और अन्य पहलें:
मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के सफल आयोजन की भी सराहना की, जिसका विषय 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' (Yoga for One Earth, One Health) था। उन्होंने बताया कि विशाखापत्तनम में आयोजित इस कार्यक्रम में 3 लाख से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो योग की बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है। जाधव ने आगे कहा, "इसके साथ ही, प्रकृति परीक्षण और सहजन (Moringa)-आधारित आयुष आहार जैसी पहलें साक्ष्य-आधारित अनुसंधान, निवारक स्वास्थ्य देखभाल और एक स्वस्थ, स्थायी जीवन शैली को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं।"
जन जागरूकता बढ़ाने के सुझाव:
बैठक के दौरान, संसद सदस्य पुरुषोत्तम रूपाला ने सुझाव दिया कि आयुष मंत्रालय को पोस्टर, बैनर और अन्य IEC (सूचना, शिक्षा, संचार) सामग्री का उपयोग करके जन जागरूकता अभियानों के माध्यम से अपनी पहुँच बढ़ानी चाहिए।
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