
Up Kiran, Digital Desk: राजनीति की दुनिया में कब क्या हो जाए, कोई नहीं कह सकता! महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में एनसीपी चीफ शरद पवार को फोन किया था। ये फोन कॉल किसी आम बात के लिए नहीं, बल्कि एनडीए (NDA) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगने के लिए था। लेकिन, शरद पवार का जवाब बड़ा सीधा और स्पष्ट था - उन्होंने कहा कि वे इस बार मदद नहीं कर पाएंगे।
क्या थी बातचीत?
पवार ने खुद इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि फडणवीस ने उनसे उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांगा था। हालांकि, पवार ने तुरंत कहा कि वे इसमें मदद नहीं कर पाएंगे। इसके पीछे की वजह भी उन्होंने साफ कर दी। दरअसल, शरद पवार की पार्टी, एनसीपी (NCP), विपक्षी गठबंधन 'INDIA' का हिस्सा है। इस गठबंधन ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवार के तौर पर मार्गरेट अल्वा को मैदान में उतारा है।
ऐसे में, जब विपक्ष ने अपना एक उम्मीदवार तय कर लिया हो, तो पवार के लिए एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन करना मुश्किल था। पवार ने कहा कि फडणवीस ने शायद सर्वसम्मति बनाने के उद्देश्य से संपर्क किया होगा, लेकिन जब विपक्ष का अपना एक फैसला है, तो वे इस अनुरोध को स्वीकार नहीं कर सकते।
यह घटनाक्रम उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान पार्टियों के बीच चल रही राजनीतिक उठापटक को दर्शाता है, जहाँ हर पार्टी अपने गठबंधन के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसले ले रही है।
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