
inflation increased: केंद्र सरकार ने एक बार फिर आम जनता की जेब पर डाका डालने वाला फैसला लिया है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को ऐलान किया कि रसोई गैस (एलपीजी) की कीमत में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि और सीएनजी के कच्चे माल की कीमत में 4% का इजाफा भी लागू हो गया है। यह फैसला जहां तेल कंपनियों को राहत देने का दावा करता है। वहीं आम आदमी के लिए रसोई से सड़क तक का बजट गड़बड़ा गया है।
एलपीजी की नई कीमतें: उज्ज्वला योजना भी प्रभावित
नए फैसले के तहत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के लाभार्थियों के लिए 14.2 किलो का एलपीजी सिलेंडर अब 500 रुपये की बजाय 550 रुपये में मिलेगा। वहीं, सामान्य उपभोक्ताओं के लिए ये कीमत 803 रुपये से बढ़कर 853 रुपये हो गई है। मंत्री पुरी ने कहा कि यह कदम तेल कंपनियों को पिछले नुकसान की भरपाई के लिए उठाया गया है। हम हर दो से तीन हफ्ते में इसकी समीक्षा करेंगे। लेकिन सवाल ये है कि क्या यह समीक्षा आम जनता को राहत दे पाएगी, या सिर्फ कागजी वादा बनकर रह जाएगी?
पेट्रोल-डीजल पर शुल्क बढ़ा, सीएनजी भी महंगी
सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को 11 रुपये से बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 8 रुपये से 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। यह वृद्धि 8 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। हालांकि, पुरी ने दावा किया कि यह बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि तेल कंपनियां इसे वहन करेंगी। लेकिन हकीकत यह है कि सीएनजी की कीमत में भी इजाफा तय है। पिछले महीने सरकार ने एपीएम (प्रशासित मूल्य तंत्र) गैस की कीमत को 6.50 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़ाकर 6.75 डॉलर कर दिया, जो सीएनजी, बिजली और उर्वरक उत्पादन को महंगा करेगा।
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