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हाल ही में सामने आई एयर इंडिया प्लेन क्रैश जांच रिपोर्ट को लेकर पायलट एसोसिएशन ने गंभीर आपत्ति जताई है। एसोसिएशन का कहना है कि इस रिपोर्ट को जिस तरह गोपनीय रखा गया है, वह चौंकाने वाला है और इससे पायलटों की छवि पर गलत असर पड़ सकता है।

पायलट एसोसिएशन ने बयान जारी कर कहा कि जांच प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए थी। रिपोर्ट में जिन तथ्यों का ज़िक्र किया गया है, उन्हें सार्वजनिक किया जाना जरूरी था ताकि पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके। एसोसिएशन ने यह भी आरोप लगाया कि रिपोर्ट में पायलट की भूमिका को लेकर बिना ठोस आधार के निष्कर्ष दिए गए हैं।

एसोसिएशन ने यह सवाल उठाया कि आखिर जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? क्या इससे किसी पक्ष को बचाने की कोशिश की जा रही है? रिपोर्ट में अगर पायलट की कोई गलती थी, तो उसे सही तरीके से जांच के बाद सामने लाया जाना चाहिए था, न कि एकतरफा विश्लेषण के आधार पर।

पायलट यूनियन का कहना है कि एयर सेफ्टी टीम को भी इस जांच में शामिल किया जाना चाहिए था और पायलटों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए था।

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में पारदर्शिता जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और सभी पक्षों को न्याय मिले।

गौरतलब है कि इस जांच रिपोर्ट में तकनीकी खामी, खराब मौसम और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के पालन में कमी की बात कही गई थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया।

 

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