Up Kiran, Digital Desk: कल्पना कीजिए आप सुबह उठे चाय पी और फिर भरपेट नाश्ता किया। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि वो प्लेट जिसमें आप खा रहे हैं वो आपकी सेहत को कितना प्रभावित कर सकती है। हमारी दिनचर्या में खानपान जितना अहम है उतना ही मायने रखता है कि हम किस सामग्री की थाली या प्लेट इस्तेमाल करते हैं। बाजार में ढेर सारे विकल्प मिलते हैं लेकिन हर एक का शरीर पर अलग असर पड़ता है। कुछ तो पूरी तरह सुरक्षित होते हैं जबकि कुछ से बचना बेहतर। आज हम बात करेंगे कांच पत्तल प्लास्टिक और पीतल की प्लेटों की। कौन सी चुनें और कौन सी छोड़ दें ये जानकर आप अपनी सेहत को एक नया सुरक्षा कवच दे सकते हैं।
शुरुआत करते हैं कांच से। घरों में कांच की प्लेटें आम हैं और अच्छी बात ये कि ये सबसे भरोसेमंद साबित होती हैं। इनमें कोई जहरीला पदार्थ नहीं होता और गर्म भोजन रखने पर भी कोई रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं होती। बैक्टीरिया जमने का डर कम रहता है क्योंकि सतह चिकनी होती है। इन्हें धोना आसान और ये सालों चलती हैं। अगर आप लंबे समय तक सुरक्षित खाना चाहते हैं तो कांच आपका सबसे अच्छा साथी है। मैंने खुद देखा है कि कई परिवार अब सिर्फ कांच पर भरोसा करते हैं और सेहत में फर्क साफ नजर आता है।
अब नजर डालते हैं पत्तल पर। पेड़ों के पत्तों से बनी ये प्लेटें प्रकृति की देन हैं। ये पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं और जल्दी गल जाती हैं। कोई केमिकल नहीं इसलिए शुरू में तो सुरक्षित लगती हैं। लेकिन सावधानी बरतें। अगर पत्तल गीली हो या सड़ने लगी हो तो बैक्टीरिया पनप सकते हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। खासकर बाहर पिकनिक या धार्मिक आयोजनों में ये ठीक हैं लेकिन रोज़ाना इस्तेमाल के लिए नहीं। कभी कभार ट्राई करें तो मजा आएगा लेकिन हमेशा नहीं।
प्लास्टिक की प्लेटों की बारी। ये सस्ती और हल्की होती हैं इसलिए लोग पसंद करते हैं लेकिन यहीं गड़बड़ हो जाती है। गर्म खाना रखते ही इनमें मौजूद रसायन भोजन में मिल सकते हैं। इससे हार्मोन बिगड़ सकते हैं पेट की दिक्कतें हो सकती हैं और लंबे चलने पर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी। माइक्रोवेव में तो बिल्कुल मत इस्तेमाल करें। मेरी सलाह है इनसे दूर रहें। बाजार में अच्छे विकल्प हैं तो प्लास्टिक क्यों चुनें। कई अध्ययनों में साबित हो चुका है कि प्लास्टिक सेहत का दुश्मन है।
आखिर में पीतल। हमारे पूर्वज पीतल के बर्तनों में खाना पकाते और खाते थे और सेहतमंद रहते थे। पीतल भोजन को गर्म रखता है और इसमें कॉपर जैसे पोषक तत्व भी मिलते हैं जो शरीर को फायदा पहुंचाते हैं। लेकिन एक शर्त है। प्लेट पर टिन की कोटिंग होनी चाहिए और वो ताज़ा हो। अगर कोटिंग घिस गई या नहीं है तो धातु भोजन से प्रतिक्रिया कर सकती है और जहर बन सकता है। नई पीतल की प्लेट लें और रखरखाव करें तो ये कमाल की है। गांवों में आज भी लोग पीतल पसंद करते हैं और वजह साफ है।




