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Up Kiran, Digital Desk: गुरुवार तड़के साढ़े तीन बजे का वक्त था। नारसन बॉर्डर पर चौकी इंचार्ज हेमदत्त शर्मा रूटीन चेकिंग कर रहे थे। एक पिकअप वैन पर नजर पड़ी जो बिना नंबर प्लेट के दौड़ रही थी। शक हुआ तो रोका गया। पीछे का हिस्सा खोला तो ड्रम और टंकियों में करीब सात क्विंटल पनीर भरा मिला।

कोई कागज नहीं, कोई जवाब नहीं

चालक और मालिक से बिल-वाउचर मांगे गए। दोनों के पास एक भी वैध दस्तावेज नहीं था। फूड सेफ्टी सर्टिफिकेट का तो नामोनिशान तक नहीं। इतनी बड़ी मात्रा में पनीर बिना लाइसेंस के इतनी दूर ले जाना अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा कर रहा था।

खाद्य विभाग ने मौके पर पहुंचकर खोला राज

सूचना मिलते ही खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम सुबह-सुबह पहुंच गई। पहले नजर के जांच में ही पनीर में भारी गंदगी और मिलावट के संकेत मिले। टीम ने तुरंत सैंपल लिया और पूरा माल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक घोषित कर दिया। बॉर्डर पर ही गड्ढा खोदवाकर सात क्विंटल पनीर को दफन कर नष्ट कर दिया गया।

शादी के सीजन में बढ़ रहा मिलावट का धंधा

अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि सैंपल लैब भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने पर मुकदमा दर्ज होगा। उनका कहना था कि नवंबर-दिसंबर में शादियों की वजह से पनीर की मांग आसमान छू रही है। इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग सस्ते केमिकल और घटिया सामग्री से नकली पनीर बनाकर बाजार में खपाने की कोशिश कर रहे हैं।