img

Up Kiran, Digital Desk: मेरी बाइक चोरी हुए 6 महीने हो गए थे, मैंने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि कभी वापस मिलेगी।" यह कहना था रवि का, जो उन 346 खुशनसीब लोगों में से एक हैं जिन्हें विशाखापत्तनम पुलिस ने उनकी चोरी हुई गाड़ियां वापस लौटाईं. शहर पुलिस ने एक खास कार्यक्रम, 'व्हीकल रिटर्न मेला' का आयोजन किया, जिसमें चोरी हुई और बरामद की गई गाड़ियों को उनके असली मालिकों को सौंपा गया.

यह मेला उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत बनकर आया है, जिनकी गाड़ियां चोरी हो गई थीं और वे उसे वापस पाने के लिए थानों और अदालतों के चक्कर काट-काटकर थक चुके थे.

क्यों खास है पुलिस की यह पहल?

अक्सर जब पुलिस चोरी की गाड़ियां बरामद करती है, तो कानूनी प्रक्रिया इतनी लंबी और जटिल होती है कि मालिकों को अपनी ही गाड़ी वापस लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो गाड़ियां थानों में पड़े-पड़े खराब हो जाती हैं और उनकी कीमत भी कम हो जाती है.

इसी समस्या को समझते हुए विशाखापत्तनम के पुलिस कमिश्नर शंखब्रत बागची ने 'व्हीकल रिटर्न मेला' की शुरुआत की. उन्होंने बताया, "हमारा मकसद है कि लोगों को बिना किसी खर्च और परेशानी के उनकी संपत्ति वापस मिल सके." यह इस साल का तीसरा ऐसा मेला है. इससे पहले फरवरी में 152 और अप्रैल में 320 गाड़ियां उनके मालिकों को सौंपी जा चुकी हैं. अब तक कुल 818 लोगों को इस पहल से फायदा मिला है.

इस मेले में अपनी बाइक वापस पाकर लोगों के चेहरे पर खुशी देखने लायक थी. उन्होंने विशाखापत्तनम पुलिस का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह एक बहुत ही अच्छा कदम है, जिससे आम आदमी का पुलिस पर भरोसा और भी मजबूत होता है.