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सीएम योगी के गृहक्षेत्र गोरखपुर में गैंगस्टर एक्ट के एक अन्य मामले पर 'नाबालिग का दाग' लग गया है। इल्जाम है कि पुलिस ने जिन लुटेरों के गैंग पर गैंगस्टर का मामला दर्ज किया, उसका सरगना अपराध के समय नाबालिग था।

दसवीं की मार्कशीट के साथ घरवालों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसके बाद कोर्ट ने नाबालिग पर दर्ज गैंगस्टर एक्ट को निरस्त करने का आदेश दिया। बता दें कि ये वहीं धारा जिसके तहत माफिया मुख्तार अंसारी को सजा हुई थी।

नाबालिग लुटेरों के गैंग का मुखिया था, इसलिए अब गैंगस्टर के पूरे केस को ही निरस्त कर दिया गया है। गैंगस्टर का ये घटना खजनी थाने की है।

बता दें कि दसवीं के रिजल्ट के आधार पर आरोपी को नाबालिग मानते हुए कोर्ट ने उसके विरूद्ध दायर गैंगस्टर के मामले को रद्द करने का आदेश दिया। इससे पहले शाहपुर पुलिस ने मृतक और एक नाबालिग पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी, जिसे शासन द्वारा गठित कमेटी ने निरस्त कर दिया था।

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