Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार रात दो अहम निर्णय लिए हैं, जिन्हें राज्य की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक कदम कोटा जैसे शहर को नई आर्थिक पहचान देगा, तो दूसरा मरुस्थलीय जैसलमेर में सीमा क्षेत्र की मजबूती और ग्रामीण विकास का रास्ता खोलेगा।
कोटा में प्रदूषण मुक्त उद्योगों का हब
कोटा अब केवल कोचिंग सिटी तक सीमित नहीं रहेगा। सरकार ने कनवास तहसील के धोती गांव में करीब 22.78 हेक्टेयर जमीन रीको को हस्तांतरित कर दी है। इस भूमि पर ऐसे उद्योग स्थापित किए जाएंगे जिनसे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। इसका सीधा फायदा स्थानीय उद्यमियों और कारोबारियों को मिलेगा, साथ ही क्षेत्र के युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कोटा की औद्योगिक प्रोफ़ाइल को ही बदल देगा।
जैसलमेर बॉर्डर पर नई सड़कें
मुख्यमंत्री ने दूसरा फैसला जैसलमेर जिले को लेकर किया है। पाकिस्तान सीमा के पास स्थित 101.97 हेक्टेयर सरकारी जमीन केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को सड़क परियोजनाओं के लिए सौंप दी गई है। इन सड़कों का निर्माण अंतरराष्ट्रीय सीमा के समानांतर होगा, जिससे जवानों की आवाजाही और आपूर्ति व्यवस्था मजबूत होगी। साथ ही, सीमावर्ती गांवों तक बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।
सुरक्षा के साथ-साथ विकास को भी बढ़ावा
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सड़क परियोजना केवल सामरिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी बेहद जरूरी है। नई सड़कों के जरिए दूरदराज के गांव व्यापार और कृषि केंद्रों से जुड़ेंगे। पशुपालन और छोटे कारोबार को बाजार तक पहुंच आसान होगी। ग्रामीणों की आजीविका मजबूत होगी और सीमावर्ती कस्बों की आर्थिक रफ्तार को एक नई दिशा मिलेगी।
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