
पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे पोप को हाल ही में निमोनिया के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वेटिकन की ओर से जारी बयान के अनुसार, उनकी मृत्यु सेरेब्रल स्ट्रोक, कोमा और उसके बाद हुए हृदय गति रुकने (हार्ट फेलियर) की वजह से हुई। यह दुखद अवसर इस ओर ध्यान खींचता है कि सेरेब्रल स्ट्रोक कितना खतरनाक हो सकता है और यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
क्या होता है सेरेब्रल स्ट्रोक?
सेरेब्रल स्ट्रोक को ब्रेन अटैक या सेरेब्रल वैस्कुलर एक्सीडेंट (CVA) भी कहा जाता है। इस स्थिति में मस्तिष्क की कोशिकाओं तक रक्त प्रवाह या तो रुक जाता है या बहुत कम हो जाता है, जिससे उन्हें ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते। नतीजतन, कुछ ही मिनटों में मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं। स्ट्रोक आमतौर पर तब होता है जब:
मस्तिष्क की किसी धमनी में ब्लॉकेज आ जाता है (इस्केमिक स्ट्रोक)
कोई धमनी फट जाती है और मस्तिष्क में रक्तस्राव होने लगता है (हेमरेजिक स्ट्रोक)
दोनों ही स्थितियां मस्तिष्क को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं और समय पर इलाज न मिलने पर व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है।
स्ट्रोक के लक्षण – पहचान बेहद जरूरी
दिल्ली के न्यूरो सर्जन डॉक्टर संजीव कुमार झा के अनुसार, स्ट्रोक में भी उतनी ही तेजी से चिकित्सा सहायता की जरूरत होती है जितनी हार्ट अटैक में होती है। यदि लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। यहां जानिए स्ट्रोक के सामान्य लक्षण:
चेहरे, हाथ या पैर में अचानक सुन्नपन या कमजोरी, विशेष रूप से शरीर के एक तरफ
भ्रम या किसी बात को समझने में परेशानी
बोलने में दिक्कत, भाषा साफ नहीं निकलना या शब्दों का ठीक से उच्चारण न हो पाना
दृष्टि संबंधी समस्या, एक या दोनों आंखों से धुंधला दिखना या दोहरी दृष्टि होना
चलने में परेशानी, संतुलन बिगड़ना या समन्वय का अभाव
अचानक चक्कर आना
अचानक तेज सिरदर्द, बिना किसी स्पष्ट कारण के
सेरेब्रल स्ट्रोक से क्यों होती है मृत्यु?
स्ट्रोक मस्तिष्क के उस हिस्से को प्रभावित कर सकता है जो शरीर की बुनियादी क्रियाएं नियंत्रित करता है – जैसे सांस लेना, दिल की धड़कन या चेतना की स्थिति। जब ये केंद्र काम करना बंद कर देते हैं, तो व्यक्ति कोमा में चला जाता है और दिल की धड़कन रुक सकती है, जिससे मृत्यु हो सकती है।