img

Up Kiran, Digital Desk: भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) द्वारा आने वाले समय में ब्याज़ दरों में एक और संभावित कटौती से भारतीय अर्थव्यवस्था, खासकर रियल एस्टेट सेक्टर को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इस कदम का सबसे बड़ा फायदा किफायती आवास (affordable housing) खंड को मिलने की संभावना है।

जब आरबीआई अपनी प्रमुख ब्याज़ दरों (जैसे रेपो रेट) में कटौती करता है, तो इसका सीधा असर बैंकों द्वारा दिए जाने वाले लोन की ब्याज़ दरों पर पड़ता है। होम लोन की ब्याज़ दरें कम होने से घर खरीदना लोगों के लिए ज़्यादा सस्ता हो जाता है।

किफायती आवास सेगमेंट, जो कम और मध्यम आय वाले वर्ग के लोगों को लक्षित करता है, ब्याज़ दरों के प्रति बहुत संवेदनशील होता है। ब्याज़ दरों में कमी से मासिक किस्तें (EMIs) कम हो जाती हैं, जिससे अधिक लोग घर खरीदने का सपना पूरा कर पाते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई की ओर से दरों में कटौती से न केवल घर खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा बल्कि अटके हुए प्रोजेक्ट्स को भी गति मिल सकती है। यह रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग को फिर से जीवित करने (re-push) और बिक्री बढ़ाने में सहायक होगा, जिससे समग्र आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।

यह कदम ऐसे समय में संभावित है जब अर्थव्यवस्था को सहारा देने की ज़रूरत हो सकती है और मुद्रास्फीति (inflation) नियंत्रण में हो। कुल मिलाकर, आरबीआई द्वारा ब्याज़ दर में कटौती किफायती आवास क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा।

--Advertisement--