img

Up Kiran, Digital Desk: देश के आम आदमी के लिए बिजली बिल से जुड़ी एक अच्छी खबर आ रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) का opérationल घाटा अगले दो सालों में एक-तिहाई तक कम हो सकता है। क्रिसिल रेटिंग्स (CRISIL Ratings) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2026 तक इन कंपनियों की हालत में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।

क्यों और कैसे कम होगा यह घाटा?

इस सुधार के पीछे केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना' (RDSS) का बड़ा हाथ माना जा रहा है। इस योजना के तहत देश भर में स्मार्ट मीटर लगाने और बिजली के इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने पर जोर दिया जा रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि RDSS योजना के चलते बिजली कंपनियों की बिलिंग और कलेक्शन की क्षमता बेहतर होगी, जिससे उनका घाटा कम होगा। अनुमान है कि इन कंपनियों का वित्तीय घाटा भी वित्त वर्ष 2024 के 0.4 लाख करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2026 तक 0.25 लाख करोड़ रुपये रह जाएगा।

क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर, अनुज सेठी का कहना है कि बिजली की मांग बढ़ने और नए नियमों के लागू होने से DISCOMs के लिए अपने घाटे को कम करना और भी ज़रूरी हो गया है। RDSS योजना उन्हें वित्तीय रूप से मज़बूत बनने के लिए एक बड़ा सहारा दे रही है।