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Up Kiran, Digital Desk: मुंबई की एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत ने गुरुवार, 31 जुलाई 2025 को 2008 मालेगांव बम धमाका मामले (2008 Malegaon bomb blast case) में भाजपा की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (Lt Col Prasad Purohit) सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 95 अन्य घायल हो गए थे। 

न्यायालय का निर्णय और अभियोजन पक्ष की विफलता:

एनआईए कोर्ट (NIA court) ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष 'मामले को साबित करने में विफल रहा' और आरोपियों को ‘संदेह का लाभ मिलना चाहिए’ विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी (AK Lahoti) ने टिप्पणी की कि अभियोजन पक्ष कोई भी "ठोस सबूत" पेश करने में असमर्थ रहा और उपलब्ध सबूतों में भी विसंगतियां थीं। अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के प्रावधान लागू नहीं होते। इसके अतिरिक्त, कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को पीड़ितों के परिवारों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर की प्रतिक्रिया: 'सनातन की जीत' और कांग्रेस पर हमला

बरी होने के बाद, प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur), जो 2019 में भोपाल से सांसद चुनी गई थीं लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया,  ने 2 अगस्त 2025 को सोशल मीडिया पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस फैसले को 'सनातन धर्म' (Sanatan Dharma) की जीत बताया और 'भगवा आतंकवाद' (saffron terror) या 'हिंदू आतंकवाद' (Hindu terrorism) जैसे शब्दों को गढ़ने के लिए कांग्रेस (Congress) पर तीखा हमला किया।

अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, साध्वी प्रज्ञा (Sadhvi Pragya) ने लिखा, “भगवा आतंकवाद और हिन्दू आतंकवाद के जन्मदाता कांग्रेस सहित सभी विधर्मियों का मुंह हुआ काला। भगवा, हिंदुत्व और सनातन की विजय पर समस्त सनातनियों और देशभक्तों का हुआ बोलबाला बहुत-बहुत बधाई।” उन्होंने 'जय हिन्दूराष्ट्र, जय श्री राम' का नारा भी लगाया। 

फैसला सुनाए जाने के समय, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Thakur) अदालत में भावुक हो गईं थीं।  उन्होंने न्यायाधीश से कहा था कि उन्हें 13 दिनों तक सताया गया, उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी गई और 17 साल तक उनका अपमान हुआ, उन्हें अपने ही देश में आतंकवादी कहा गया। उन्होंने कहा, “मैं एक संन्यासी होने के कारण ही जिंदा हूं। भगवा को आतंकवाद कहा गया था, लेकिन आज भगवा जीत गया। हिंदुत्व जीत गया। हिंदुत्व को आतंकवाद से जोड़ने वालों को कभी माफ नहीं किया जाएगा।”

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और 'भगवा आतंकवाद' का विमर्श

इस फैसले पर भाजपा (BJP) और विभिन्न हिंदू संगठनों (Hindu organizations) ने खुशी व्यक्त की है और कांग्रेस (Congress) से इस 'झूठे नैरेटिव' (false narrative) के लिए माफी मांगने की मांग की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि यह फैसला "कांग्रेस के भारत विरोधी, न्याय विरोधी और सनातन विरोधी चरित्र को उजागर करता है, जिसने 'भगवा आतंकवाद' जैसे झूठे शब्द गढ़कर करोड़ों सनातन believers, साधु-संतों और राष्ट्रसेवकों की छवि को धूमिल करने का अपराध किया।" उन्होंने कांग्रेस से "अपने अक्षम्य कुकर्म को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने और राष्ट्र से माफी मांगने" का आह्वान किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने भी टिप्पणी की कि "आतंकवाद कभी भगवा नहीं था, नहीं है और न कभी होगा!" 

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