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Up Kiran, Digital Desk: दानापुर रेलवे स्टेशन पर दो दलित महिला वेंडरों के साथ कथित तौर पर हुई बेरहमी ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। आरोप रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की महिला सब इंस्पेक्टर नेहा गुप्ता पर है, जिन्होंने कथित तौर पर इन गरीब महिला वेंडरों की बुरी तरह पिटाई की। न्याय की गुहार लिए ये पीड़ित महिलाएं पहले खगौल थाने पहुंचीं, लेकिन उन्हें जीआरपी (GRP) का मामला बताकर लौटा दिया गया। जब वे जीआरपी पहुंचीं, तो वहां से भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा, और तो और, आरोप है कि इस मामले को दबाने की भी कोशिश की गई।
'रोज देते हैं रिश्वत, फिर भी पड़ती है मार!'
पिटाई से घायल एक अधेड़ महिला वेंडर ने अपनी दर्द भरी कहानी बयां करते हुए बताया कि वह दानापुर रेलवे स्टेशन के आसपास और ट्रेनों में छोटी-मोटी चीजें बेचकर अपना और अपने परिवार का पेट पालती हैं। उनकी तरह करीब 50 से अधिक महिलाएं, बच्चे और बच्चियां इस वेंडरिंग के काम में लगे हैं, और सभी बेहद गरीब हैं। उनका आरोप है कि स्टेशन एरिया में सामान बेचने के लिए वे RPF और GRP को रोजाना 100 रुपये की 'रिश्वत' भी देती हैं, इसके बावजूद उनके साथ यह बर्ताव हुआ।
हाजत में बंद कर पीटा, गर्भवती महिला ने लगाई गुहार!
महिलाओं के अनुसार, हद तो तब हो गई जब RPF की सब इंस्पेक्टर नेहा गुप्ता ने उन्हें और उनकी जैसी ही एक अन्य दलित महिला वेंडर को पकड़ लिया। आरोप है कि इसके बाद उन्हें हाजत में बंद कर बेरहमी से पीटा गया। पीड़ितों का दावा है कि उन पर करीब 25 से 30 डंडे बरसाए गए। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला आरोप यह है कि एक गर्भवती महिला ने अपने पेट में बच्चे का हवाला देकर छोड़ने की गुहार लगाई, लेकिन वहां मौजूद अन्य RPF महिला जवान मूक दर्शक बनी रहीं और किसी ने उसकी मदद नहीं की।
जुर्माना भरने के बाद मिली रिहाई, पर दर्द अभी बाकी
पिटाई के बाद, इन महिलाओं को जुर्माना भरने के लिए आरा रेलवे कोर्ट भेजा गया, जहां उन्होंने 1200 रुपये का जुर्माना भरकर किसी तरह अपनी जान छुड़ाई। अब वे दर्द से कराह रही हैं और अस्पतालों के चक्कर लगा रही हैं। उनका आरोप है कि महिला सब इंस्पेक्टर द्वारा रोजाना इसी तरह से अन्य महिला और बच्चियों की भी पिटाई की जाती है। डर के मारे कोई भी इसकी शिकायत नहीं कर पाता, क्योंकि उन्हें खौफ है कि अगर लेडी सब इंस्पेक्टर को शिकायत का पता चला, तो वह उन्हें खोजकर और भी बेरहमी से पीटेगी।
पुलिस का 'क्षेत्रीय' जवाब, RPF ने साधी चुप्पी
इस पूरे मामले पर जब खगौल थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन का एरिया GRP के अधीन आता है, इसलिए यह मामला GRP में ही दर्ज होगा। उन्होंने कहा कि अगर यह घटना उनके थाना क्षेत्र में होती, तो वे उचित कानूनी कार्रवाई के लिए बाध्य होते।
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