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Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर फिलहाल ऑपरेशन सिंदूर के बाद काफी निराश नजर आ रहे हैं। इस निराशा के बावजूद वे अब फिर से भारत विरोधी रुख अपनाकर अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं। हाल ही में कराची की नौसेना अकादमी में दिए गए उनके भाषण ने उनके मनोबल और रणनीति दोनों को बयां किया। ऐसा लगता है कि उनका मकसद नौसेना के भीतर अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के साथ-साथ भारत के खिलाफ माहौल गरम करना है।
खुफिया सूत्रों की मानें तो आसिम मुनीर के इस तेवर के पीछे कश्मीर में प्रॉक्सी युद्ध को जारी रखने की रणनीति भी छुपी है। इसके साथ ही वे पाकिस्तान की नौसेना पर अपने नियंत्रण को भी मजबूत करना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने भारत विरोधी बयानबाजी को खासा तवज्जो दी है। इस भाषण को पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व के लिए भी एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
कराची में दिए गए अपने भाषण में आसिम मुनीर ने दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत के उकसावे के बावजूद संयम बरतते हुए क्षेत्रीय स्थिरता कायम रखी है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में कोई भी हमला होगा तो पाकिस्तान उसका तेज़ और कड़ा जवाब देगा। यह बयान उस समय आया है जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों को कड़ी चोट पहुंचाई थी। ऑपरेशन सिंदूर के कारण पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक और सैन्य नुकसान झेलना पड़ा, जिसके बाद इस्लामाबाद ने युद्ध विराम के लिए भारत से संपर्क किया।
कश्मीर मुद्दे पर भी जोर
आसिम मुनीर ने इस दौरान कश्मीर विवाद का मुद्दा भी उठाया और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीर का समाधान ढूंढने की बात कही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लिए न्यायसंगत और शांतिपूर्ण हल चाहता है, जो क्षेत्र में स्थायी शांति की कुंजी होगा।
कराची पर नजर
कुछ दिनों पहले हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। भारतीय नौसेना ने कराची से लगभग 260 मील दूर अपनी रणनीतिक तैनाती कर पाकिस्तान के महत्वपूर्ण बंदरगाह और आर्थिक केंद्रों को निशाना बनाया। कराची बंदरगाह पाकिस्तान के व्यापार का लगभग 60 प्रतिशत संभालता है, इसलिए इस पर हमला पाकिस्तान के लिए भारी धक्का साबित हुआ।
स्रोतों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की नौसेना की कमज़ोरी को बुरी तरह उजागर कर दिया। यह असमर्थता ही थी जिसने पाकिस्तान को 10 मई को युद्ध विराम के लिए मजबूर किया। इस कार्रवाई ने भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता का सबके सामने खुलासा कर दिया।
पहलगाम अटैक का बदला
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष नेता और उनके परिवार के सदस्य भी शामिल थे। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य शक्ति का एक नया परिचय दिया और पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को बेनकाब किया।
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