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Up Kiran, Digital Desk: जैसे-जैसे बिहार विधानसभा इलेक्शन नजदीक आ रहे हैं राज्य की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जी-जान से जुटे हैं कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। सीट शेयरिंग से लेकर बूथ स्तर तक हर जगह रणनीति पर काम चल रहा है ताकि जीत सुनिश्चित की जा सके। इस बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खेमे से कुछ अहम जानकारियां सामने आ रही हैं खासकर टिकट बंटवारे को लेकर।

NDA का 'होमवर्क' पूरा: जातीय समीकरण और 'सिटिंग गेटिंग' फॉर्मूला

सूत्रों की मानें तो NDA ने टिकट बंटवारे को लेकर अपना होमवर्क लगभग पूरा कर लिया है। एक बड़ी रणनीति के तहत गठबंधन ने हर विधानसभा सीट के जातिगत समीकरणों का बारीकी से सर्वेक्षण कराया है। इस सर्वे का मकसद यह तय करना है कि किस सीट पर किस जाति के उम्मीदवार को उतारना सबसे फायदेमंद होगा। इससे यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सहयोगी दल भी जातिगत समीकरणों का ध्यान रखें और कोई भी फैसला जल्दबाजी में न लिया जाए।

एक और महत्वपूर्ण बात जिस पर सहमति बनी है वह है 'सिटिंग गेटिंग' का फॉर्मूला। इसका मतलब है कि जिस पार्टी के पास अभी जो सीट है उसे वही सीट मिलेगी। हालांकि यह नियम पूरी तरह से पत्थर की लकीर नहीं है। सूत्रों का कहना है कि सर्वेक्षण और मौजूदा विधायकों के प्रदर्शन के आधार पर कुछ मौजूदा विधायकों का टिकट कट भी सकता है। खासकर जिन विधायकों को लगातार दो सर्वे में नेगेटिव रिपोर्ट मिली है उनका टिकट कटना लगभग तय है।

फिलहाल सीटों के बंटवारे पर बिहार में कुछ और राउंड की बातचीत होनी बाकी है जिसके बाद अंतिम निर्णय के लिए यह मामला दिल्ली में चर्चा के लिए जाएगा।

चिराग पासवान का बड़ा ऐलान: विधानसभा इलेक्शन लड़ने की घोषणा

इस चुनावी माहौल में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि वह इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा इलेक्शन लड़ेंगे। उन्होंने साफ किया कि वह उस सीट से चुनाव लड़ेंगे जिसे बिहार की जनता उनके लिए तय करेगी। आरा में एक रैली के दौरान उन्होंने कहा "हर कोई जानना चाहता है कि क्या मैं विधानसभा इलेक्शन लड़ूंगा। मैं घोषणा करता हूं कि मैं सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ूंगा। मैं अपने लिए नहीं बल्कि बिहार की जनता के लिए चुनाव लड़ूंगा। मैं यह आप पर छोड़ता हूं कि मुझे किस सीट से चुनाव लड़ना चाहिए।"

चिराग पासवान के इस बयान ने राज्य की राजनीति में उनकी वापसी को लेकर हफ्तों से चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है।

चिराग पासवान की महत्वाकांक्षा और NDA के लिए 'स्ट्राइक रेट'

चिराग पासवान ने यह भी स्पष्ट किया कि अनारक्षित सीट से चुनाव लड़ने की उनकी योजना को उनकी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा "मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं। मेरे चुनाव लड़ने से मेरी पार्टी के लिए बेहतर स्ट्राइक रेट सुनिश्चित होगा जिससे NDA को मदद मिलेगी।"

केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा इलेक्शन में NDA को भारी अंतर से जीत दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। चिराग की यह घोषणा NDA सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे की बातचीत से पहले अपनी पार्टी के लिए राजनीतिक लाभ हासिल करने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। खासकर तब जब बड़े सहयोगी बीजेपी और जेडी(यू) 100-100 से अधिक सीटों पर नजर गड़ाए हुए हैं।

पिछले साल के लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी के 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट का हवाला देते हुए चिराग पासवान ने कथित तौर पर 40 सीटों की मांग की है। अब देखना यह है कि NDA में सीट बंटवारे को लेकर अंतिम सहमति कैसे बनती है और चिराग पासवान की ये मांगें कहां तक पूरी हो पाती हैं।

 

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