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Up Kiran, Digital Desk: इस साल मानसून ने राजस्थान में किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। लगातार अच्छी बारिश ने खरीफ की फसल को लेकर उम्मीदें बढ़ाई हैं। लेकिन सिर्फ पानी से भरपूर पैदावार की गारंटी नहीं मिलती—खेतों तक समय पर खाद पहुंचना उतना ही अहम है। इसी चुनौती को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में खाद की कमी किसी भी हाल में नहीं होनी चाहिए और हर किसान तक ज़रूरी खाद बिना देरी पहुँचे।

जयपुर में हुई उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने खाद की मौजूदा उपलब्धता, जिलावार वितरण और आपूर्ति व्यवस्था पर गहन समीक्षा की। इस समीक्षा में कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। बैठक में यह बात दोहराई गई कि राज्य सरकार खेती को मजबूती देने और किसानों की जीवन-स्तर में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए गुणवत्तापूर्ण बीज, खाद और पोषक तत्व समय पर उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।

कई बार किसानों की सबसे बड़ी मुश्किल यही होती है कि उन्हें यह पता ही नहीं चलता कि उनके इलाके में कब और कितनी खाद उपलब्ध है। इस समस्या को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि ज़िलावार खाद की स्थिति की नियमित जानकारी किसानों तक पहुँचाई जाए। उनका मानना है कि समय रहते सूचना मिलने से किसान बेवजह भटकने या आर्थिक नुकसान से बच सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही संतुलित मात्रा में रासायनिक खाद के सही उपयोग और जैविक विकल्पों को अपनाने की ज़रूरत पर भी बल दिया। उन्होंने विशेष तौर पर वर्मी-कम्पोस्ट जैसे विकल्पों का जिक्र करते हुए कहा कि जैविक उपाय किसानों के लिए दीर्घकालिक लाभदायक हो सकते हैं।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि कृषि विभाग ने अवैध खाद कारोबारियों, अधिक भंडारण करने वालों और घटिया माल बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है। नकली खाद से किसानों की उपज और आमदनी दोनों प्रभावित होती हैं, इसलिए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह की गड़बड़ियों पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

कुल मिलाकर, अगर बारिश का साथ और खाद की समय पर उपलब्धता बनी रही, तो इस वर्ष राजस्थान के किसानों के लिए भरपूर फसल और बेहतर आय की उम्मीद काफी मजबूत हो गई है।


 

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