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पंजाब सरकार धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले मामलों पर सख्त कानून लाने की तैयारी में है। खबर है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार 10 जुलाई को विधानसभा में एक ऐसा बिल पेश कर सकती है, जिसमें धार्मिक ग्रंथों के अपमान पर मृत्युदंड (फांसी) तक की सजा का प्रावधान होगा।

राज्य में बीते कुछ वर्षों में गुरु ग्रंथ साहिब सहित अन्य पवित्र ग्रंथों की बेअदबी की घटनाएं सामने आती रही हैं, जिससे लोगों में भारी नाराजगी रही है। आम आदमी पार्टी की सरकार अब ऐसे मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए नया कानून लाने की योजना बना रही है, जिससे धार्मिक ग्रंथों की पवित्रता को कानूनी सुरक्षा दी जा सके।

सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्तावित कानून IPC की धारा 295 के तहत मौजूदा सजा को और कठोर बना सकता है। फिलहाल इस अपराध के लिए अधिकतम 3 से 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन नए बिल में मौत की सजा तक देने का प्रस्ताव शामिल किया जा सकता है।

हालांकि इस प्रस्ताव पर कानूनी विशेषज्ञों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के बीच बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग इसे धार्मिक सद्भाव बनाए रखने की दिशा में सही कदम मान रहे हैं, तो कुछ इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ बता रहे हैं।

मान सरकार का कहना है कि राज्य में शांति बनाए रखने और धर्मों के बीच सौहार्द बनाए रखने के लिए यह कानून जरूरी है।

अब सबकी नजरें 10 जुलाई पर टिकी हैं, जब यह स्पष्ट होगा कि विधानसभा में यह बिल पेश होता है या नहीं, और यदि होता है तो उसका स्वरूप क्या होगा।

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