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भारतीय रिजर्व बैंक ने जमा खातों और डिपोजिट्स को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो सीधे तौर पर बैंकों और उनकी विदेशी शाखाओं पर लागू होंगे। इन निर्देशों से कुछ मामलों में बैंकों को प्रक्रिया में राहत मिलेगी, वहीं कुछ मामलों में उन्हें RBI की अनुमति अनिवार्य रूप से लेनी होगी।

रुपया खाते खोलने-बंद करने में अब नहीं लेनी होगी अनुमति

RBI ने कहा है कि बैंक अब अपनी विदेशी शाखाओं या प्रतिनिधियों के नाम पर ब्याज रहित रुपया खाते (Rupee Accounts) खोल सकते हैं या बंद कर सकते हैं, और इसके लिए उन्हें RBI को पूर्व अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, इस प्रक्रिया की सूचना देना अनिवार्य नहीं होने से बैंकिंग संचालन में कुछ हद तक लचीलापन जरूर मिलेगा।

पाकिस्तानी बैंकों के लिए अलग नियम

RBI ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई बैंक पाकिस्तान के बाहर काम कर रही पाकिस्तानी शाखा के नाम पर भारत में रुपया खाता खोलना चाहता है, तो इसके लिए RBI से विशेष अनुमति लेना जरूरी होगा। यह कदम भारत की विदेशी नीतियों और सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

प्रवासी बैंकों के खाते पर दिशा-निर्देश

RBI ने यह भी बताया कि एक प्रवासी बैंक (Overseas Bank) के खाते में जमा प्रवासी भारतीयों को भुगतान का एक स्वीकृत तरीका माना जाएगा, लेकिन इसमें विदेशी मुद्रा ट्रांसफर के नियम लागू होंगे। प्रवासी बैंकों के खाते से निकासी को विदेशी मुद्रा के प्रेषण (Remittance) के रूप में गिना जाएगा, जिस पर नियंत्रण बना रहेगा।

बाजार दर पर विदेशी मुद्रा खरीद सकेंगे बैंक

रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि भारतीय बैंक अपनी वास्तविक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने विदेशी प्रतिनिधियों या शाखाओं से बाजार दर पर विदेशी मुद्रा खरीद सकते हैं और उसे अपने रुपया खातों में जमा कर सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही यह हिदायत भी दी गई है कि इन खातों में लेनदेन पर सख्त निगरानी रखी जाए, ताकि कोई भी विदेशी बैंक भारतीय रुपये के साथ सट्टा गतिविधि में शामिल न हो।

यदि किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि या नियमों के उल्लंघन की आशंका हो, तो उसकी सूचना RBI को देना अनिवार्य होगा।