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Up kiran,Digital Desk : हवाई अड्डों पर हज़ारों परेशान लोग, घंटों का इंतज़ार और लगातार कैंसिल होती फ्लाइट्स... देश में इंडिगो एयरलाइन का संकट गहराता जा रहा है। इस पूरे मामले को लेकर अब सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस परेशानी के लिए सीधे-सीधे केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

'कीमत तो आम आदमी चुका रहा है'

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखते हुए कहा कि इंडिगो का यह संकट असल में सरकार की नीतियों का नतीजा है।

उन्होंने लिखा, "इंडिगो का यह संकट इस सरकार के एकाधिकार (Monopoly) वाले मॉडल की देन है।"

उनका कहना है कि एक बार फिर इसकी असली कीमत आम भारतीय चुका रहा है—उन्हें फ्लाइट में देरी मिल रही है, उनकी उड़ानें रद्द हो रही हैं और वे खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं।

क्या मतलब है 'मोनोपोली मॉडल' का?

राहुल गांधी का इशारा इस तरफ है कि सरकार की नीतियों ने हवाई यात्रा के क्षेत्र में एक ऐसी स्थिति बना दी है, जहाँ कुछ ही कंपनियों का दबदबा है। ऐसे में जब इंडिगो जैसी बड़ी एयरलाइन संकट में आती है, तो यात्रियों के पास कोई दूसरा मजबूत विकल्प नहीं बचता और इसका सीधा असर लाखों लोगों की यात्रा पर पड़ता है।

उन्होंने अपनी बात खत्म करते हुए कहा कि भारत को "मैच-फिक्सिंग वाली मोनोपोली" नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में एक निष्पक्ष मुकाबला चाहिए।

आपको बता दें कि इंडिगो पिछले कुछ दिनों से केबिन क्रू की कमी के कारण गंभीर संकट से जूझ रही है, जिसके चलते उसे रोज़ाना अपनी सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ रही हैं।